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Weather News: अब राह चलते जान सकेंगे मौसम का हाल, ऑटोमैटिक स्टेशन से मिलेगी सूचना; हर 15 मिनट में...

विश्वविद्यालय में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग पटना के सहयोग से स्वचालित मौसम स्टेशन की स्थापना की गई है। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने रविवार को मौसम स्टेशन की कार्यशैली का जायजा लिया। कुलपति ने कहा कि यह स्वचालित मौसम स्टेशन मिथिला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं और अनुसंधानकर्ताओं को नई संभावनाओं की दिशा में ले जाने में मदद करेगा। साथ ही जलवायु विज्ञान में नवीनतम अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा।

By Prince Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 22 Apr 2024 03:13 PM (IST)
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अब राह चलते जान सकेंगे मौसम का हाल, ऑटोमैटिक स्टेशन से मिलेगी सूचना; हर 15 मिनट में...
जागरण संवाददाता, दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में ऑटोमैटिक मौसम स्टेशन लगाया गया है। इसमें लगा सिस्टम मौसम डेटा को नापता है और फिर उसे रिकॉर्ड कर लोगों तक पहुंचाता है। यह मौसम स्टेशन दरभंगा की हवा, तापमान, हवा की दिशा, हवा की गति, सापेक्ष आर्द्रता, वर्षा की मात्रा और ओस सबके बारे में जानकारी देगा।

विश्वविद्यालय में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग पटना के सहयोग से स्वचालित मौसम स्टेशन की स्थापना की गई है। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने रविवार को मौसम स्टेशन की कार्यशैली का जायजा लिया। कुलपति ने कहा कि यह स्वचालित मौसम स्टेशन मिथिला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं और अनुसंधानकर्ताओं को नई संभावनाओं की दिशा में ले जाने में मदद करेगा। साथ ही जलवायु विज्ञान में नवीनतम अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा।

उन्होंने इस तकनीकी उन्नति के लिए विश्वविद्यालय भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनय नाथ झा एवं शिक्षकों की सराहना की। विभागीय शिक्षक डॉ. मनु राज शर्मा इस मौसम स्टेशन के समन्वयक के रूप में काम करेंगे। साथ ही सूचना प्रसार करने में सहयोग करेंगे।

डॉ. शर्मा ने बताया कि यह विश्वविद्यालय में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए दृष्टिकोण से मौसमी आंकड़ों की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा और प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा, लू और एक्सट्रीम वेदर के अनुमान करने में सहयोग करेगा। यह मौसम स्टेशन वायु तापमान, वर्षा, वायुमंडलीय दाब, हवा की गति और दिशा पर हर 15 मिनट की अवधि पर आंकड़े उपलब्ध करने के लिए नवीनतम तकनीक से निर्मित है। मौसम स्टेशन के भ्रमण के दौरान कुलानुशासक प्रो. अजय नाथ झा, डा. कामेश्वर पासवान भी मौजूद थे।

किसान-मछुआरों के लिए मददगार

विश्वविद्यालय में उपकरण लगने से न केवल यहां के छात्रों को बल्कि यहां के किसानों को भी बहुत लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय के छात्र इस उपकरण के बारे में अच्छे से जान पाएंगे। इस विषय के छात्रों को पढ़ाई में इसका लाभ मिलेगा। किसान भी मौसम की जानकारी लेकर मौसम के अनुसार अपने खेती किसानी कर सकेंगे। कौन सी फसल कब लगाना है, कब काटना है, इसकी योजना बना सकते हैं।

इसी प्रकार मछुआरे भी मौसम के अनुसार योजना बना सकते हैं। किस मौसम में मछलियों के बीज डालें, और कब मछलियां बाजार में बेचने योग्य आकार की हो जाएंगी, उसे कब पकड़ना है। मछलियों में किस मौसम में आहार डालना है। कब नहीं डालना है। मछली पकड़ने जाने से पहले उन्हें तूफान या बारिश की पहले से जानकारी मिल जाएगी।

मौसम स्टेशन में आधुनिक उपकरणइस स्वचालित मौसम स्टेशन में अलग-अलग विशेष उपकरण लगाए गए हैं। जैसे थर्मामीटर, वायु-फलक, कप एनीमोमीटर, आर्द्रतामापी एवं वर्षामापी। सबसे पहले, यह सेंसर से डेटा लेता है उसके बाद इस डेटा को प्रोसेस करके स्टोर करने के बाद एप्स या मोबाइल तक भेजता है।

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