दरभंगा के जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह को पटना उच्च न्यायालय ने धीरे से जोर का झटका लगा दिया है। न्यायालय ने तारडीह प्रखंड के प्लस टू राजकीयकृत पटेल उच्च विद्यालय के विशाल रजोखर पोखर की नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हालांकि पोखर की नीलामी की अधिसूचना प्रत्यक्ष रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बड़ी चतुराई से निर्गत नहीं की थी।
सवाद सहयोगी, दरभंगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह को पटना उच्च न्यायालय ने धीरे से जोर का झटका लगा दिया है। न्यायालय ने तारडीह प्रखंड के प्लस टू राजकीयकृत पटेल उच्च विद्यालय के विशाल रजोखर पोखर की नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हालांकि पोखर की नीलामी की अधिसूचना प्रत्यक्ष रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बड़ी चतुराई से निर्गत नहीं की थी।
उन्होंने इसके लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक को निर्देशित किया था। बताते चलें कि तत्कालीन प्रधानाध्यापक ने जिला शिक्षा कार्यालय के निर्देश पर पोखर की नीलामी प्रक्रिया को अपनाते हुए इसकी बंदोबस्ती नारायणपुर गांव के लाल बहादुर सिंह की पत्नी देव कला देवी के नाम से कर दी थी। देव कला देवी ने बताया कि बंदोबस्ती की सूचना भी जिला शिक्षा पदाधिकारी को तत्कालीन प्रधानाध्यापक ने दे दी थी।
लेकिन सूचना के साथ और कुछ भी नहीं दिया गया था। प्रधानाध्यापक के इसी व्यवहार से जिला शिक्षा कार्यालय के बाबू और पदाधिकारी खफा हो गए। उन्हें भ्रम हो गया कि मामले में प्रधानाध्यापक ने बड़ी डील की है। इसके लिए पहले तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक को बदल दिया गया।
फिर उसके बाद नये प्रभारी प्रधानाध्यापक के माध्यम से बंदोबस्ती को रद कर दिया गया। जिला शिक्षा कार्यालय स्वयं कहीं प्रत्यक्ष रूप से विवाद में घसीटा नहीं जाए, इसलिए विद्यालय स्तर पर ही सारे मामले को केंद्रित कर प्रधानाध्यापक के माध्यम से ही पोखर के बंदोबस्त की नई अधिसूचना जारी की गई।
इसके खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में सीडब्ल्यूजेसी 14591 के माध्यम से वाद दाखिल किया गया था। इसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय पोखर की नीलामी प्रक्रिया को स्थगित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी, माध्यमिक शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सहित सभी संबंधित पक्षों से शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है।
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