Move to Jagran APP

Prashant Kishor ने खोल दी I.N.D.I.A की पोल! Nitish Kumar और चाय-नाश्ते पर ली चुटकी

प्रशांत किशोर ने इंडी गठबंधन में खटपट के सवालों पर बड़ा बयान दिया है। पीके ने कहा है कि नेता या दल एक साथ चाय पी सकते हैं नाश्ता कर सकते हैं इसके बाद प्रेसवार्ता भी कर सकते हैं लेकिन उससे जमीन पर कोई असर नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि कांग्रेस सीरियस नहीं है।

By Laltuna Jha Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 22 Dec 2023 05:53 PM (IST)
Hero Image
Prashant Kishor ने खोल दी I.N.D.I.A की पोल! Nitish Kumar और चाय-नाश्ते पर ली चुटकी (फाइल फोटो)
संवाद सहयोगी, बेनीपुर (दरभंगा)। Prashant Kishor On I.N.D.I.A जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने इंडी गठबंधन और नीतीश कुमार की भूमिका पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इंडी गठबंधन में किसी ने अपना मिनिमम कॉमन प्रोग्राम शुरू नहीं किया है जिससे जनता समझ पाए। यही वजह है कि आप लोग देख रहे हैं कि कांग्रेस सीरियस नहीं है। नीतीश कुमार को खुद ये बात कह चुके हैं।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने इससे पहले मध्य प्रदेश की घटनाओं पर अपनी राय रखी थी। चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा आपको ये विरोधाभास और अधिक देखने को मिलेगा। आप बिना किसी नैरेटिव के, बिना किसी विचारधारा के, बिना किसी कार्यक्रम के अलग-अलग दलों के नेताओं को एकसाथ बैठा देंगे। नेता या दल एक साथ चाय पी सकते हैं, नाश्ता कर सकते हैं, इसके बाद प्रेसवार्ता भी कर सकते हैं, लेकिन उससे जमीन पर कोई असर नहीं हो सकता है।

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि पिछले 2 सालों से मैं बता रहा हूं कि नेताओं के साथ बैठ जाने से गठबंधन की ताकत नहीं बनती है। अगर आपके पास नैरेटिव नहीं है और जमीन पर जनता से जुड़ने के लिए मुद्दे नहीं हैं तो आपको राजनीतिक सफलता नहीं मिल सकती है।

इंडी गठबंधन के पास कोई उपलब्धि नहीं: प्रशांत किशोर

पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि इंडी गठबंधन में जो आपस में खींचतान दिख रही है वो तो होनी ही है। अलग-अलग जो ईंट होती है, उसे जोड़ने के लिए सीमेंट चाहिए होता है, नहीं तो अगर ईंट के ऊपर ईंट रखीं जाए तो भर भराकर गिर जाएगी। नेता भी ठीक वैसे ही सीमेंट के जैसा काम करता है जो इनको जोड़कर रखता है।

उन्होंने कहा कि इंडी जो गठबंधन बना है उसमें पिछले 4 महीने से इनकी उपलब्धि क्या है? पिछले 4 महीनों में ये दल 3 बार मिले हैं और अपना नाम यूपीए से बदल कर इंडी कर दिया है। इसके बाद इस गठबंधन ने न कोई अपना कार्यक्रम घोषित किया और न ही कोई जमीन पर कार्यक्रम किया, न ही किसी नेता के बारे में एलान किया और न कोई कमेटी बनाई, न कोई जनमानस के मुद्दे पर आंदोलन शुरू किया, तो अभी तो स्थिति यही है।

ये भी पढ़ें- Prashant Kishor ने फोड़ा सियासी बम! इस पार्टी से खुलेआम जता दिया प्रेम, कांग्रेस और BJP ने दिया धांसू रिएक्शन

ये भी पढ़ें- KK Pathak को बड़ा झटका! बिहार के इस जिले में 60 BPSC शिक्षकों ने सौंप दिया इस्तीफा, DEO ने दी स्वीकृति

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।