लालू-नीतीश की सियासी जमीन खतरे में! चुनावी मैदान में कूदेंगे Prashant Kishor, लगा दी JDU में सेंध
Prashant Kishor बिहार में राजनीति के रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने सोमवार को बड़ा एलान किया है। पीके ने अपने इसके साथ जता दिया है कि वह राजद सुप्रीमो लालू यादव और जदयू के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चुनौती खड़ी करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उनका जन सुराज संगठन साल 2025 में चुनावों में उतरेगा।
संवाद सहयोगी, सिंहवाड़ा/ कोटवा (दरभंगा)। बिहार की राजनीति में अपनी पैठ बना रहा जन सुराज संगठन साल 2025 के चुनावों में ताल ठोकेगा। इस बात का एलान खुद इसके प्रणेता प्रशांत किशोर ने कर दिया है। चुनावों में जन सुराज के दल के तौर पर उतरने से राजद सुप्रीमो लालू यादव और जदयू के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुनौती बढ़ना तय है। बीजेपी के साथ-साथ अब प्रशांत किशोर भी उनके सामने चैलेंज बनकर उभरेंगे।
प्रशांत किशोर सोमवार को सिंहवाड़ा के महावीर मंदिर मैदान कलिगांव से पदयात्रा के पूर्व मीडिया से संवाद कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2025 में जनसुराज एक दल के तौर पर 243 विधानसभा सीटों पर लड़ता दिखेगा।
इधर, पीके के इस एलान के साथ ही जिले में जदयू को एक बड़ा झटका भी लगा है। जदयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद उन्होंने सोमवार को ही उन्होंने जदयू के अन्य नेताओं के साथ जन सुराज का दामन थाम लिया है।
जानकारी के अनुसार, प्रशांत किशोर ने सोमवार को यहां 12.4 किलोमीटर की पदयात्रा की। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2025 में जनसुराज एक दल के तौर पर 243 विधानसभा सीटों पर लड़ता दिखेगा।
उन्होंने कहा कि आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में जनसुराज अकेले अपने दम पर 243 विधानसभा में शिक्षित व कुशल छवि के उम्मीदवारों के साथ निर्णायक फैसला बिहार के विकास के लिए लेगी।
भाजपा को वोट मिलने के कारण बताए
प्रशांत किशोर ने इस दौरान भाजपा को विधानसभा चुनावों में वोट मिलने के कारण भी बताए। उन्होंने कहा कि बीजेपी को वोट मिलने के चार कारण हैं। पहला उनकी हिंदुत्व विचारधारा। दूसरा नया राष्ट्रवाद। तीसरा एक बहुत बड़ा वर्ग केंद्र की योजनाओं के लाभार्थियों का है।
पीके ने चौथा कारण बताया कि बीजेपी का जो अपना संगठन है, उसकी जो संगठनात्मक और आर्थिक ताकत है, उससे भी बहुत अंतर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के संगठन की जितनी ताकत है, उसके मुकाबले में अन्य पार्टियों के संगठन को मजबूत होना होगा।
इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने इस दौरान प्रदेश में शराबबंदी खत्म करने की सलाह नीतीश सरकार को दी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी की वजह से प्रदेश को हर साल 15 से 20 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
वहीं, उन्होंने अमेरिका में मधबुनी का मखाना खरीदने वाले अपने दोस्त का जिक्र किया। उन्होंने पानी का सही प्रबंधन करने, मछली कारोबार को लेकर भी अपनी बात कही। यहां पढ़ें पूरी खबर
जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी
इधर, सोमवार को दरभंगा जिले में जदयू को बड़ा झटका लगा। यहां जदयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष डॉ. मंतोष कुमार साहनी ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता और पद से इस्तीफा दे दिया।
पार्टी अध्यक्ष को भेजे त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि जदयू में उनकी अनदेखी की जा रही थी। उन्होंने पत्र में कहा कि निस्वार्थ भावना से आठ सालों से विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी के लिए काम किया। परंतु पार्टी में जो मान-सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल रहा था।
कोटवा स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर के विचारों से प्रभावित होकर अपने साथियों के साथ जन सुराज की सदस्यता ली है।
जन सुराज की नीतियों और विचारों को जन-जन तक पहुंचाकर अधिक से अधिक लोगों को जन सुराज से जोड़कर प्रशांत किशोर के सपनों का बिहार, विकसित बिहार बनाने में अपनी भागीदारी निभाएंगे।
इन लोगों ने भी थामा जन सुराज का दामन
इस दौरान उनके साथ भाजपा नेता सह परसौनी कपूर पंचायत के मुखिया पति डॉ. ललन सहनी, जदयू के प्रदेश नेता रोहित गिरी, जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष संजय मेहता, विनोद सहनी, विनय कुमार सहनी, राजेश गुप्ता, दून बहादुर सिंह आदि ने भी जन सुराज का दामन थाम लिया।
मौके पर जनसुराज जिलाध्यक्ष वीर मेहता, मार्गदर्शन मंडल के राय सुंदरदेव शर्मा, जिला महासचिव जयमंगल कुशवाहा, कार्यालय प्रभारी अरुण तिवारी, जनसुराज अभियान प्रभारी राणा रंजीत सिंह उपस्थित रहे।
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