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'आपसे प्रधानमंत्री बात करना चाहते हैं', दरभंगा के टीचर की मेट्रो में पीएम मोदी से मुलाकात; रख दी एम्स की मांग

Darbhanga AIIMS रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो में दरभंगा के सरकारी स्कूल से सेवानिवृत्त शिक्षक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। सुरक्षाकर्मी शिक्षक को दूसरी बोगी में पीएम के पास ले गए और बगल में बैठा दिया। प्रधानमंत्री ने उनसे उनका हालचाल पूछते हुए परिचय प्राप्त किया। प्रधानमंत्री से मिलने पर साह ने दरभंगा सहित उत्तर बिहार के विकास की मांग को रख दिया।

By Mrityunjay BhardwajEdited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 18 Sep 2023 09:42 AM (IST)
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दरभंगा : दिल्ली मेट्रो में प्रधानमंत्री के साथ केवटी पचाढ़ी के सेवानिवृत्त शिक्षक रामबहादुर साह
जागरण संवाददाता, दरभंगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का उद्घाटन किया। उद्घाटन करने के बाद रविवार को प्रधानमंत्री ने मेट्रो में सफर कर रहे जिन यात्रियों से हालचाल पूछा उनमें से एक दरभंगा के निवासी हैं।

राम बहादुर साह दरभंगा में मनीगाछी के सरकारी स्कूल से सेवानिवृत्त शिक्षक और केवटी के पचाढ़ी निवासी हैं। वह रविवार को निठाला मेट्रो से दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन जा रहे थे। राम बहादुर इस बात से अनजान थे कि आज पीएम से उनकी मुलाकात होने वाली है।

राम बहादुर को प्रधानमंत्री के पास ले गए सुरक्षाकर्मी

उन्हें न तो कोई वीआइपी मूवमेंट नजर आया और न ही किसी अधिकारी ने उनसे उनका नाम व पता पूछा। आम यात्रियों के साथ जब वे सफर करते हुए दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन पहुंचे तो अचानक कुछ सुरक्षाकर्मी उनके पास पहुंचे और कहा कि आपसे प्रधानमंत्री बात करना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री का नाम सुनते ही वे खुशी से झूम उठे। उन्हें सहसा विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन जब दोबारा जानने की कोशिश की तो सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि आपसे ही प्रधानमंत्री बात करना चाहते हैं। उन्हें लगा कि शायद मोबाइल पर बात कराएंगे।

उन्होंने कहा- मोबाइल दीजिए। इस पर सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि आमने-सामने बैठकर प्रधानमंत्री बात करेंगे। यह सुनकर राम बहादुर को आश्चर्य हुआ। इसके बाद उन्हें सुरक्षाकर्मी बगल वाली बोगी में ले गए, जहां प्रधानमंत्री आम यात्रियों के बीच सीट पर बैठे नजर आए।

प्रधानमंत्री ने साह से पूछा उनका हालचाल

राम बहादुर को प्रधानमंत्री के बगल में बैठाया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे उनका हाल चाल पूछते हुए परिचय प्राप्त किया। जैसे ही साह ने बिहार के दरभंगा से होने की बात कही तो प्रधानमंत्री ने दिल्ली आने का औचित्य जानने की कोशिश की।

साह ने बताया कि बीमार रहने के कारण अपने छोटे पुत्र इंजीनियर शैलेंद्र कुमार साह के आवास पर 25 अगस्त से रहकर उपचार करा रहा हूं। अब वापस हवाई जहाज से घर जा रहा हूं।

शिक्षक ने रख दी दरभंगा एम्स की मांग

प्रधानमंत्री से मिलने पर साह ने दरभंगा सहित उत्तर बिहार के विकास की मांग को रख दिया। साह ने प्रधानमंत्री से कहा कि आपने दरभंगा में एम्स बनाने की बात कही है, इससे उत्तर बिहार ही नहीं, नेपाल व सिक्किम के लोग भी लाभान्वित होंगे।

इसका जल्द निर्माण हो, इस दिशा में त्वरित पहल कीजिए। पीएम ने कहा कि दरभंगा में एम्स स्वीकृत है, राशि आवंटित है। आप लोगों को इससे लाभ मिलेगा।

यह सुनते ही साह ने कहा कि एम्स तो स्वीकृत है, लेकिन डीएमसीएच और शोभन के बलिया को लेकर राजनीति चल रही है।

इससे आम लोगों को मतलब नहीं है, किसी एक जगह पर जल्द बने, यह हर किसी की मांग है। यह सुनकर प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्कुराते हुए त्वरित पहल करने का आश्वासन दिया।

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साह से ही क्यों मिले प्रधानमंत्री?

साह ने कहा कि कभी कल्पना नहीं की थी कि प्रधानमंत्री से इस तरह मुलाकात और बात होगी। प्रधानमंत्री ने आम लोगों की तरह मेट्रो में सफर कर यह जता दिया कि वे वाकई में आम लोगों के बीच से निकलकर यहां पहुंचे हैं।

यह पूछने पर प्रधानमंत्री ने आपसे ही क्यों मुलाकात और बातचीत की। इस पर साह ने कहा कि यह जानकारी तो नहीं है, लेकिन एक शिक्षक होने के नाते यह प्रतीत हो रहा है जिस मेट्रो और बोगी में सफर कर रहे थे उसमें सभी पहनावे से बड़े लोग नजर आ रहे थे, जबकि उनके बदन पर कुर्ता, धोती और गमछा था।

शायद सामान्य व्यक्ति नजर आने के कारण प्रधानमंत्री ने उनसे मुलाकात की और हाल जाना हो। कुछ देर बाद मीडिया में प्रधानमंत्री से बात करते हुए खबर चलने लगी तो बड़े पुत्र धर्मेन्द्र ने मोबाइल पर फोन किया और जानकारी दी।

इसके बाद से लगातार गांव से लेकर कई शिक्षकों ने प्रधानमंत्री से बात करने को लेकर बधाई दी। साह ने कहा- यह मेरे जीवन का अद्भुत समय था।

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