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7 वर्षीय छात्रा से दुष्कर्म का मामला: ट्यूशन टीचर को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

शिक्षक की गरिमा को कलंकित करने के एक जघन्य मामले में दरभंगा पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रतिमा परिहार की अदालत ने कमतौल थानाक्षेत्र के मधुपुर टेकटार निवासी गणेश दास के पुत्र विजय दास को 20 वर्षों के सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोषी को तीनों धाराओं में 10 हजार 10 हजार और 5 हजार रुपये अर्थदंड जमा करने का निर्णय पारित किया।

By Mrityunjay BhardwajEdited By: Prateek JainUpdated: Wed, 30 Aug 2023 01:03 AM (IST)
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कोर्ट ने विजय दास को 20 वर्षों के सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
संवाद सहयोगी, दरभंगा: शिक्षक की गरिमा को कलंकित करने के एक जघन्य मामले में दरभंगा पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रतिमा परिहार की अदालत ने कमतौल थानाक्षेत्र के मधुपुर टेकटार निवासी गणेश दास के पुत्र विजय दास को 20 वर्षों के सश्रम कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

मंगलवार को अदालत ने अभियुक्त के सजा अवधि निर्धारण के बिंदु पर बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की बहस सुनने तथा अभिलेख के गहन परिशीलन के बाद दुष्कर्मी को धारा 376 एबी में 20 वर्षों का कारावास, पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में 20 वर्षों की सजा तथा धारा 341 में एक वर्ष की सजा मुकर्रर की। 

पीड़ि‍ता को पांच लाख का भुगतान करने के आदेश 

वहीं, दोषी को क्रमशः तीनों धाराओं में 10 हजार, 10 हजार और 5 हजार रुपये अर्थदंड जमा करने का निर्णय पारित किया। इसके अतिरिक्त पीड़िता के पुनर्वास के लिए पीड़ित प्रतिकर योजना से जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पांच लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है। 

एक आरोपी साक्ष्‍य के अभाव में किया रिहा

वहीं, इसी मामले में अभियुक्त बनाए गए एक अन्य आरोपी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। अभियोजन पक्ष का संचालन कर रहे स्पेशल पीपी विजय कुमार पराजित ने बताया कि तीन दिसंबर, 2018 को कमतौल थानाक्षेत्र के एक गांव में शाम के सात बजे ट्यूशन पढा रहे अभियुक्त ने एक सात वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था, जिसकी प्राथमिकी कमतौल थानाकांड संख्या 346/18 में संस्थित की गई थी। 

2019 से ही जेल में था अभियुक्‍त 

इस मामले का विचारण कोर्ट में जीआर केस नंबर 57/18 के तहत जारी था। अदालत में आरोपपत्र पश्चात 21 जनवरी 2020 को संज्ञान लिया गया।

गत 25 अगस्त को अदालत ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर दुष्कर्मी को भादवि की धारा 376 एबी, 341 और पॉक्सो एक्ट की धारा छह में दोषी करार दिया था। दुष्कर्मी अभियुक्त 20 अगस्त 2019 से ही जेल में है।

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