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Darbhanga News: बिहार के दरभंगा में अनूठी पहल, टीबी के मरीजों को गोद ले स्वस्थ समाज को दे रहे सशक्त आधार

टीबी मरीजों के लिए आम जन मंत्री विधायक डाक्टर से लेकर विदेशी नागरिक तक आगे आए हैं। मरीजों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने के साथ दवा का भी ध्यान रखा जाता है। इस पहल में ठीक हो चुके लोग भी साथ देने आ रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuPublished: Mon, 12 Jun 2023 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jun 2023 06:45 PM (IST)
मरीजों को गोद ले स्वस्थ समाज को दे रहे सशक्त आधार

मुकेश कुमार, दरभंगा। टीबी के खिलाफ जंग में बिहार के दरभंगा में विदेशी नागरिकों का भी साथ मिल रहा है। इन्होंने न सिर्फ मरीजों को गोद लिया है, बल्कि इनके बीच पहुंचकर जागरूकता भी फैला रहे हैं।

उनकी इस पहल का असर स्थानीय लोगों में भी देखने को मिल रहा है। अब तक 117 मरीजों को गोद लिया गया है। इसमें मंत्री से लेकर डाक्टर और इस बीमारी से ठीक हो चुके लोग भी टीबी चैंपियन के तौर पर शामिल हैं।

देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 2018 से निक्षय पोषण योजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टीबी मरीज के निक्षय मित्र पर मन की बात में भी चर्चा कर चुके हैं।

इससे प्रेरित होकर रूस की इंगा कुमार व दक्षिण कोरिया के जोनाथन ने एक-एक मरीज को गोद लिया है। इंगा ने दरभंगा के ही एक इंजीनियर से शादी की है।

वे यहीं रहकर टीबी के प्रति स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होती हैं।

वह एक दर्जन और मरीजों को गोद लेने की इच्छा जता चुकी हैं। दक्षिण कोरिया के जोनाथन भी समय-समय पर यहां आते हैं और मरीजों के बीच पहुंचते हैं।

कभी टीबी से थे ग्रसित, अब बचाव के लिए कर रहे प्रेरित

एक मरीज को गोद लेने वाले दीपक राज कभी खुद टीबी से ग्रसित थे। वह ठीक होने के बाद एक संस्था से जुड़कर टीबी चैंपियन के रूप काम कर रहे हैं।

दीपक लोगों के बीच जाते हैं और बताते हैं कि उन्होंने किस तरह इस बीमारी पर विजय पाई। राज्य के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी व केवटी विधायक डा. मुरारी मोहन झा के अलावा एक दर्जन से अधिक डाक्टर भी मरीजों को गोद लेकर सेवा कर रहे हैं।

वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक राम कुमार का कहना है कि गोद लेने वाले लोग एक मरीज के पोषाहार पर प्रतिमाह एक हजार रुपये से अधिक खर्च कर रहे हैं।

इससे मरीजों को अंडा, सूखा मेवा, फल आदि पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। मरीज नियमित दवा का सेवन कर रहा है या नहीं, इसकी निगरानी भी करते हैं।

समय-समय पर मरीज के घर पहुंचते हैं। उनसे बात करते हैं। जिले में टीबी मरीजों की संख्या 8401 है। इसमें सबसे अधिक 3150 मरीज सिर्फ शहरी क्षेत्र में हैं।

इसके बाद सदर में 643 और केवटी में 164 मरीज पाए गए हैं। सबका इलाज चल रहा है। सरकार की तरफ से भी मरीजों को हर माह पांच सौ रुपये पौष्टिक भोजन के लिए दिए जा रहे हैं।

टीबी को खत्म करने के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। फिलहाल एक मरीज को गोद लिया है। 10 और को गोद लेने की तैयारी है। कोशिश है कि जिले में जितने भी मरीज हैं और जिन्हें आवश्यकता है, सभी को कोई न कोई गोद ले। -मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री

आम लोगों के आगे आने से टीबी मुक्त भारत अभियान की पहल रंग लाने लगी है। मरीजों की सहमति से सामुदायिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसमें लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं। -डा. सत्येंद्र कुमार, गैर संचारी रोग पदाधिकारी सह प्रभारी संचारी रोग पदाधिकारी, दरभंगा


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