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Career After 12th: साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स के स्टूडेंट्स 12वीं के बाद क्या करें? इन कोर्सों को प्राथमिकता दे रहे छात्र

इंटरमीडियएट की पढ़ाई के बाद छात्रों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसे कोर्स को चुनना होता है जिससे वह अपने करियर को संवार सकें। सामान्य पाठ्यक्रमों से हटकर छात्र अब जॉब ओरिएंटेड कोर्स के सहारे आगे बढ़ना चाहते हैं। छात्रों के सामने इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा बीसीए बीबीए इंडस्ट्रियल माइक्रोबायलोजी एवं इंडस्ट्रियल फिश एंड फिशरीज जैसे वोकेशनल कोर्स भी विकल्प के रूप में सामने होते हैं।

By Sanjay Kumar Singh Edited By: Mohit Tripathi Published: Sat, 08 Jun 2024 05:43 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2024 05:43 PM (IST)
इंटरमीडिएड के बाद जाब ओरिएंटेड कोर्स को प्राथमिकता दे रहे विद्यार्थी। (सांकेतिक फोटो)

जागरण संवाददाता, मोतिहारी। इंटरमीडिएट के बाद प्रत्येक विद्यार्थी अपने करियर को संवारने के लिए कोई ठोस राह चुनना चाहता है। सामान्य पाठ्यक्रमों से हटकर वे जाब ओरिएंटेड कोर्स के सहारे आगे बढ़ना चाहते हैं।

मेडिकल, इंजीनियरिंग के अलावा विद्यार्थियों के सामने बीबीए, बीसीए, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायलोजी एवं इंडस्ट्रियल फिश एंड फिशरीज जैसे वोकेशनल कोर्स भी विकल्प के रूप में सामने होते हैं। इनमें नामांकन के लिए भी अब होड़-सी लगने लगी है।

नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। लिखित प्रवेश परीक्षा एवं साक्षात्कार के बाद अंतिम रूप से अभ्यर्थियों का चयन नामांकन के लिए होता है। लगभग सभी अंगीभूत महाविद्यालयों में वाेकेशनल कोर्स की शिक्षा व्यवस्था है।

एलएलबी और बीएड भी बेहतर विकल्प

इनके अलावा मोतिहारी में कानून (एलएलबी) एवं बीएड की पढ़ाई भी एक बेहतर विकल्प है। कुल मिलकर विद्यार्थियों में यह सोच अब मजबूत होने लगी है कि रोजगारपरक शिक्षा की राह को ही अपनाया जाए। मोतिहारी के मुंशी सिंह महाविद्यालय में बीबीए, बीसीए एवं इंडस्ट्रियल माइक्रोबायलोजी जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पढ़ाई की व्यवस्था है।

वहीं, यह चंपारण में अकेला कॉलेज है जहां कानून (एलएलबी) की भी पढ़ाई होती है। वहीं, एलएनडी कॉलेज में बीबीए एवं बीसीए की स्नातक स्तरीय शिक्षा व्यवस्था है। इस महाविद्यालय में बीएड की भी पढ़ाई होती है। मोतिहारी के श्रीनारायण सिंह महाविद्यालय में भी बीबीए एवं बीसीए पाठ्यक्रम में नामांकन लिए जा सकते हैं।

इंडस्ट्रियल फिश एंड फिशरीज छात्रों के लिए अच्छा विकल्प

इस महाविद्यालय में वोकेशनल कोर्स के अंतर्गत इंडस्ट्रियल फिश एंड फिशरीज पाठ्यक्रम भी विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा विकल्प है। इधर, डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा महिला महाविद्यालय में भी छात्राओं के लिए बीबीए व बीसीए जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।

हालांकि अभी कला, विज्ञान एवं वाणिज्य से जुड़े पाठ्यक्रमों में स्नातक सीबीसीएस (च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) के फर्स्ट सेमेस्टर में नामांकन चल रहा है। वहीं, वाेकेशनल कोर्स में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की टेस्ट परीक्षा होगी।

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