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Jamin Registry Online: अब घर बैठे हो जाएगी जमीन की रजिस्ट्री, सरकारी दफ्तर के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

बिहार में अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सरकार ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। रजिस्ट्री कार्यालयों के सॉफ्टवेयर अपडेट किए जा रहे हैं। जल्द ही घर बैठे ही रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। भूमि निबंधन में होनेवाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने की दिशा में सरकार ने कवायद तेज कर दी है।

By Sanjay K Upadhyay Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 05 Sep 2024 06:32 PM (IST)
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शीघ्र शुरू होगी भूमि की ई-रजिस्ट्री। प्रतीकात्मक तस्वीर

जागरण संवाददाता, मोतिहारी। अब जमीन की रजिस्ट्री में किसी भी स्तर पर फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं रहेगी। जिस किसी को भी जमीन की खरीद-बिक्री करनी होगी वह घर बैठे ऑनलाइन सारी प्रक्रिया पूरी कर लेगा। इसके लिए निबंधन कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

इस दिशा में निबंधन विभाग ने अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करना शुरू किया है। इसके तहत प्रमंडलवार काम किए जा रहे हैं। इस कड़ी में तिरहुत प्रमंडल में सॉफ्टवेयर अपडेट करने के साथ-साथ दस्तावेज तैयार करनेवाले कातिबों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सॉफ्टवेयर अपडेट होने व कर्मियों का प्रशिक्षण पूरा होने के साथ ही निबंधन कार्यालयों में ई-रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी।

इसके लिए गुरुवार को जिले में कातिबों को प्रशिक्षण दिया गया। बत दें कि इसके बाद जिले में कार्यरत आठ निबंधन कार्यालयों में से चयनित में ई-रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी। अभी विभाग के स्तर पर जिले में ई-रजिस्ट्री के लिए कार्यालय का चयन नहीं किया गया है।

पूर्वी चंपारण में कुल आठ क्रमश: मोतिहारी, अरेराज, रक्सौल, सिकरहना, पकड़ीदयाल, चकिया, केसरिया, छौड़ादानो में निबंधन कार्यालय है। अब देखना यह होगा कि जिले के कितने निबंधन कार्यालयों में नई व्यवस्था लागू होती है।

निबंधन कार्यालयों का दौड़ लगाने से मिलेगी मुक्ति

नई व्यवस्था लागू होने के बाद आम आदमी को निबंधन कार्यालयों का दौड़ लगाने से मुक्ति मिलेगी। साथ ही भूमि निबंधन के दौरान होनेवाली गड़बड़ी से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए विभाग के नए सॉफ्टवेयर पर काम किया जा रहा है। नया सॉफ्टवेयर ऑनलाइन व्यवस्था को मजबूती देगा। अबतक यह व्यवस्था है कि कातिब (डीड राइटर) दस्वावेज तैयार करते हैं। तैयार दस्तावेज निबंधन पदाधिकारी के समक्ष दाखिल होता है फिर दस्तावेज में वर्णित तथ्यों की पड़ताल होती है। चालान जमा होता है और जमीन की रजिस्ट्री होती है।

घर बैठे जमा करा सकेंगे शुल्क, ले सकेंगे निबंधन की मनचाही तिथि

नई व्यवस्था में जमीन रजिस्ट्री कराने के लिए संबंधित व्यक्ति को विभाग की साइट पर जाना होगा। वहां ई-रजिस्ट्रेशन में जाने के बाद अपना पूर्ण विवरण दर्ज करना होगा। इसी प्रक्रिया के तहत संबंधित जमीन के लिए निर्धारित शुल्क जमा कराना होगा। शुल्क जमा कराने के बाद संबंधित व्यक्ति अपनी मर्जी के मुताबिक रजिस्ट्री के लिए तिथि आवंटित करने का आग्रह कर सकेगा।

यदि संबंधित भू-खंड का निरीक्षण कराना है तो वहां की तस्वीर लोकेशन आदि भी डालना होगा। जानकार बताते हैं कि अभी सॉफ्टवेयर के पूर्ण रूप से अपडेट होने के बाद वस्तु स्थिति और साफ होगी। लोगों की सुविधा के लिए सरकार लगातार विभाग के सॉफ्टवेयर को अपडेट करा रही है। आरंभ में प्रमंडल के चुनिंदा दफ्तरों में नई व्यवस्था लागू किए जाने की योजना है।

विभाग के स्तर पर ई-रजिस्ट्री शुरू कराने की कवायद की जा रही है। इसके तहत जिले में दस्तावेज तैयार करनेवाले कातिबों को प्रशिक्षण दिया गया है। विभाग के स्तर पर निबंधन कार्यालय का चयन किया जाएगा। विभाग की हरी झंडी के बाद जिले के चयनित निबंधन कार्यालय में ई-रजिस्ट्री कराई जा सकेगी। - संजय कुमार, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी

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