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    यूरिया के लिए गांव-गांव भटक रहे किसान, मनमानी कीमत वसूल रहे निजी दुकानदार

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 07:39 PM (IST)

    पूर्वी चंपारण के भारत-नेपाल सीमावर्ती इलाकों में बारिश के बीच किसान यूरिया की किल्लत से जूझ रहे हैं। यूरिया न मिलने पर वे औने-पौने दाम पर खरीदने को मजबूर हैं जिससे धान की फसल प्रभावित हो रही है। कृषि विभाग वितरण करा रहा है पर मांग पूरी नहीं हो पा रही। कालाबाजारी की शिकायतें हैं जहाँ किसानों को मनमानी कीमत चुकानी पड़ रही है।

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    मनमानी कीमत देने पर दूसरे दुकानों पर भी मिल रही है यूरिया, किसान बेचैन

    जागरण संवाददाता, रक्सौल। भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बारिश होने के साथ ही किसान यूरिया के लिए गांव-गांव पहुंच रहे है। लेकिन, यूरिया नहीं मिलने से किसान औने-पौने दाम में खरीदारी को विवश हो रहे है।

    किसानों का कहना है कि बारिश कम होने से धान की फसलों का विकास बाधित हो गया है। इसके लिए खेतों में पर्याप्त नमी होते ही यूरिया का छिड़काव जरुरी है ताकि धान की फसल का ग्रोथ हो सकें। लेकिन, यूरिया नहीं मिलने से परेशानी बढ़ गई है।

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    हालांकि कृषि विभाग किसानों को यूरिया उपलब्ध कराने के लिए दुकानदारों को आवंटित कर वितरण करा रही है। लेकिन, मांग के अनुरुप आपूर्ति नहीं होने से किसानों में यूरिया के लिए हाहाकार है। जिसे सीमावर्ती क्षेत्रों में यूरिया की कालाबाजारी हो रही है।

    फिलहाल उर्वरक दुकानों के अलावा दूसरे दुकानों पर भी यूरिया मिल रही है। इसके लिए किसानों को खाली बोरा लेकर जाना पड़ रहा है। जिसमें यूरिया की बोरी भरकर करीब सात सौ साठ रुपए मनमानी कीमत देने पर दुकानदार गुप्त गोदामों से लाकर उपलब्ध करा रहे है। जो कृषि विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है।

    किसानों का कहना है कि उर्वरक दुकानों पर जब यूरिया नहीं मिल रही है तो दूसरे दुकानदार मनमानी कीमत देने पर कैसे उपलब्ध करा रहे है। जबकि कृषि विभाग के कर्मी अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय होकर यूरिया का वितरण करा रहे है। जिसके लिए किसानों को मनमानी कीमत चुकानी पड़ रही है।

    सीमावर्ती रक्सौल, आदापुर, छौड़ादानो, रामगढ़वा प्रखंड क्षेत्र के गांवों में मनमानी कीमत पर यूरिया की बिक्री हो रही है। जो प्रशासन के प्रयासों पर पानी फेरती हुई दिख रही है। दुकान पर भले ही बोर्ड नहीं है। फिर भी उपलब्ध हो जा रहा है।

    इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सुरेश प्रसाद ने बताया कि निर्धारित मूल्य पर यूरिया की उपलब्धता के लिए प्रशासन सख्ती बरत रहा है। वहीं दुकानदारों को यूरिया आवंटित कर किसानों के बीच वितरण कराया जा रहा है। कालाबाजारी की सूचना मिलने पर छोपमारी की जा रही है।

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