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Motihari News: किसान परेशान है! निजी भूमि के किराये के लिए 40 साल से भटक रहा, मंत्री-अफसरों से लगा चुका गुहार

Motihari News पूर्वी चंपारण के किसान प्रकाश कुमार 40 साल से अपनी निजी कृषि योग्य भूमि के किराए और मुआवजे के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सिंचाई मंत्री जिलाधिकारी मुख्य अभियंता और कार्यापालक अभियंता तक गुहार लगाई है लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली। इस बीच उनकी भूमि पर रखी ईंटों की नीलामी भी विभाग ने रद्द कर दी है। जानिए पूरा मामला।

By Shashi Bhushan Kumar Edited By: Yogesh Sahu Updated: Tue, 10 Sep 2024 02:16 PM (IST)
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Motihari News: निजी भूमि के किराये के लिए 40 साल से भटक रहा किसान।
जागरण संवाददाता, मोतिहारी। पूर्वी चंपारण जिले के आदापुर स्थित गम्हरिया कला गांव के किसान प्रकाश कुमार अपनी कृषि योग्य भूमि के किराया व मुआवजा के लिए दर-दर की ठोकर खाने को विवश है।

भूमि का किराया व मुआवजा के लिए प्रकाश सरकार के सिंचाई मंत्री, जिलाधिकारी, मुख्य अभियंता, कार्यापालक अभियंता तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अबतक इन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिल सकी है।

इस बीच नौ सितंबर को उक्त भूमि पर रखी गई ईंटों आदि की नीलामी होने थी। परंतु, इसे त्रिवेणी नहर प्रमंडल रक्सौल के कार्यपालक अभियंता ई. सुजीत कुमार ने रद्द कर दिया है।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि उक्त गांव निवासी किसान रधुनाथ प्रसाद ने वर्ष 1982 में विभागीय ईंट रखने के लिए अपनी 1.95 एकड़ निजी कृषि योग्य भूमि अस्थायी रूप से दो हजार रुपया मासिक किराया पर दी थी।

चालीस वर्ष तक विभाग ने किसान को न तो किराया दिया और ना ही ईंट हटाई। इस बीच किसान रघुनाथ प्रसाद की मौत हो गई।

इधर, प्रकाश का परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा। इससे बच्चों की पढ़ाई व परिवार के बीमार सदस्य का ठीक से इलाज भी नहीं हो पा रहा है।

40 साल में भूमि पर उग आई हैं झाड़ियां

किसान प्रकाश कुमार बताते हैं कि जिस कृषि योग्य भूमि पर विभाग ने ईंट रखी हैं उस पर अब काफी पेड़-झाड़ी उग आए हैं। यह भूमि अब खेती योग्य नहीं रह गई है।

चारों तरफ जंगल, झाड़ व पेड़-पौधों का साया है। यहां लोग जाने से भी कतराते हैं। ऐसे में उक्त भूमि पर तत्काल खेती कर पाना संभव नहीं है।

उन्होंने बताया कि किराया व भूमि को खाली करने के लिए विभाग की दौड़ लगाते-लगाते उनके पिता की मौत हो चुकी है। अब वे स्वयं बीते चार-पांच साल से विभाग की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उनकी अब तक कहीं नहीं सुनी गई।

बताया कि कृषि योग्य भूमि के किराया व मुआवजा के लिए उन्होंने निबंधित डाक से विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षक अभियंता, कार्यपालक अभियंता को फरवरी 2023, जून 2023 में पत्र भी लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।

मंत्री और जिलाधिकारी को लिखा पत्र

किसान प्रकाश कुंभकरणी निद्रा में सोय विभाग से परेशान होकर बिहार सरकार के सिंचाई मंत्री, जिलाधिकारी व विभाग के मुख्य अभियंता तक को पत्र लिखा है, लेकिन कहीं से उसे अभी तक राहत नहीं मिली है। इस बीच विभाग ने किसान की निजी भूमि पर रखी ईंट की नीलामी तारीख भी रद्द कर दी है।

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