Farmers Income : तपती धूप में रंग लाएगी मेहनत, ऐसे होगी पैसों की बारिश; इस खेती से तुरंत मालामाल हो जाएंगे किसान
बिहार में झुलसाने वाली गर्मी से किसानों को खास परेशानी हो रही है। तेज धूप में सब्जी की फसलें झुलसकर बर्बाद हो रही हैं। किसान इन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन नाकाम साबित हो रहे हैं। ऐसे में किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे फसलें भी खराब नहीं होती हैं और मुनाफा भी अच्छा होता है।
जागरण संवाददाता, मोतिहारी। किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए बदलते समय के अनुसार नकदी फसल के रूप में सब्जी की खेती में बदलाव लाने की जरूरत है। किसान बढ़ते तापमान में जैविक विधि से खेती कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
इस तरह से बेहतर उत्पादन कर सकते हैं किसान
इससे रसायनिक खेती पर निर्भरता कम होगी। वहीं मिट्टी के जल धारण की क्षमता के साथ गुणवत्ता में भी बदलाव होंगे। इससे जहां एक ओर लोगों को शुद्ध व स्वच्छ सब्जी मिलेगी।
वहीं किसानों की माली हालत में भी सुधार होगा। किसान मौसम को केंद्र में रखकर नकदी फसल के रूप में सब्जी लगाएंगे तो इसके कई लाभ होंगे। एक तो फसल खराब नहीं होगी और बेहतर उत्पादन प्राप्त कर किसान समृद्ध होंगे।
जैविक खेती को अपना रहे अब अधिकतर किसान
किसानों की फसल ठीक समय पर उचित दाम पर बिके, इसके लिए जिला मुख्यालय से लेकर अनुमंडल स्तर तक बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां किसान अपनी फसल को उचित मूल्य पर बेच सकते हैं।
इधर रसायनिक खेती के आदि हो चुके किसानों के लिए जैविक खेती अपनाना थोड़ा कठिन साबित हो रहा है। इन सब के बीच जिले के दर्जनों प्रखंड में बड़ी संख्या में किसान जैविक विधि अपना कर सब्जियों का उत्पादन करने में जुटे है।
रासायनिक खाद पर कम निर्भरता से लागत होगी कम
सरकार भी इन दिनों जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर रही है। ऐसे में किसानों को जैविक खेती को अपनाना होगा और सरकारी अनुदान लेकर बेहतर तकनीक के साथ खेती करना होगा।
इससे भूमि की उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है। वहीं रसायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत कम होगी और फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।
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जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ उसमें जल धारण की क्षमता बढ़ेगी। जैविक खाद के उपयोग से पानी का वाष्पीकरण कम होता है जो पर्यावरण की दृष्टि से लाभदायक है। इससे भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती है। साथ ही मिट्टी, खाद्य पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है। वहीं कचरे का उपयोग कर खाद बनाने से बीमारियों में कमी आती है।किस मौसम में कौन सी लगाए सब्जी
- अप्रैल में किसान कद्दू, बैंगन व मूली लगा सकते हैं
- मई में फूलगोभी, बैंगन, प्याज, मूली, मिर्च की खेती कर सकते हैं
- जून में फूलगोभी, खीरा-ककड़ी, करेला, लौकी, भिंडी, टमाटर, प्याज, शरीफा की
- जुलाई में खीरा-ककड़ी, करेला, लौकी, भिंडी, टमाटर, मूली की फसल लगाना किसानों के लिए लाभदायक साबित होगी
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