नेपाल के पिकनिक स्पॉट्स से पीएफआई के कैडर रच रहे भारत विरोधी षड्यंत्र, युवाओं को बरगलाकर सेना बना रहा था PFI
पूर्वी चंपारण पीएफआई का जाल नेपाल तक फैला है। इसके सदस्यों ने वहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पोखरा के अलावा विभिन्न पिकनिक स्पॉट्स को ठिकाना बना रखा है। वहीं पर भारत विरोधी षड्यंत्र रचते हैं। वहीं से नेटवर्क फैला रहे हैं। नेपाल में यह गतिविधि संगठन पर प्रतिबंध लगने के पहले से जारी है। यह जानकारी पीएफआई के मास्टर ट्रेनर याकूब खान की गिरफ्तारी के बाद सामने आई है।
By Sanjay K UpadhyayEdited By: Prateek JainUpdated: Mon, 07 Aug 2023 12:15 AM (IST)
मोतिहारी (पूर्वी चंपारण), संजय कुमार उपाध्याय: पीएफआई का जाल नेपाल तक फैला है। इसके सदस्यों ने वहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पोखरा के अलावा विभिन्न पिकनिक स्पॉट्स को ठिकाना बना रखा है। वहीं पर भारत विरोधी षड्यंत्र रचते हैं। वहीं से नेटवर्क फैला रहे हैं।
नेपाल में इस संगठन की गतिविधियां इसपर प्रतिबंध लगने के पहले से जारी है। यह जानकारी बीती 19 जुलाई को पीएफआई के मास्टर ट्रेनर याकूब खान की पटना के फुलवारीशरीफ मामले में की गई गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आई है।
एनआईए की जांच में हुए ये खुलासे
याकूब एनआईए की कार्रवाई से बचने के लिए नेपाल के पोखरा में काफी दिनों तक रहा था। वहां उसके साथ एक और सदस्य मो. इरशाद आलम भी था। दो देशों के बीच कानूनी अड़चन के कारण सीधी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।एनआईए की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि फुलवारीशरीफ मामले में वांछित चकिया निवासी रेआज मारूफ के इशारे पर इसी क्षेत्र का याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान युवकों को धार्मिक उन्माद फैलाने की ट्रेनिंग दे रहा था।
जब फरवरी 2023 में एनआईए ने मेहसी व चकिया में छापेमारी शुरू की तो याकूब पोखरा में छिप गया। उसके साथ इसी इलाके का मो. बेलाल उर्फ इरशाद और अन्य भी थे। 18 मार्च को मो. इरशाद की गिरफ्तारी के बाद याकूब वहां से मुंबई चला गया।
माहौल को शांत होता देख मुंबई से अप्रैल में लौटा और फिर पूर्वी चंपारण के अलावा सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर व बेतिया में रहा। 19 जुलाई को जब याकूब पकड़ा गया तो यह सब जानकारी मिली।
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