बिहार के रक्सौल में सामरिक दृष्टिकोण से एक एयरपोर्ट का निर्माण होने वाला है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही एयरपोर्ट का शिलान्यास कर सकते हैं। यह एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय महत्व का है और लगभग चार दशक से उपेक्षित था। भारत सरकार ने देश के 100 एयरपोर्ट को शुरू करने की योजना बनाई है जिसमें रक्सौल एयरपोर्ट शामिल है।
जागरण संवाददाता, पूच (रक्सौल)। बिहार के रक्सौल में सामरिक दृष्टिकोण से एक एयरपोर्ट का निर्माण किया जाना है। जल्द ही इसको लेकर खुशखबरी मिल सकती है।
अंचल कार्यालय ने स्थल निरीक्षण व भूमि की पैमाइश के उपरांत अधिग्रहण किये जाने वाली भूमि पर लाल झंडा (लाल निशान) लगा दिया है। करीब तीन सौ एकड़ में निर्माण होने वाले एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाई गयी है।
मिली जानकारी के अनुसार, आगामी माह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एयरपोर्ट का शिलान्यास करने पहुंचने वाले हैं। बता दें कि एयरपोर्ट ऑथरिटी की टीम दो माह पूर्व भूमि चयनित करने आई थी। इसके बाद भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने जिला प्रशासन से तत्काल जांच की रिपोर्ट मांगा था।
तब 127 एकड़ और भूमि अधिग्रहण करने का निर्देश दिया गया था। भूमि चिह्नित कर दाखिल-खारिज व भूमि का सीमांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अंतरराष्ट्रीय महत्व का यह एयरपोर्ट करीब चार दशक से उपेक्षित पड़ा है।
इस अवधि में कई बार इस एयरपोर्ट के जीर्णोद्धार व आधुनिकीकरण के लिए सरकारी स्तर पर कार्य में तेजी लाई गई है। भारत सरकार ने देश के सौ एयरपोर्ट को शुरू करने के लिए योजना तैयार की है, जिसमें बिहार के दो एयरपोर्ट को चयनित किया है। इसमें रक्सौल एयरपोर्ट शामिल है।
सरकार ने दुर्गम क्षेत्रों को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए योजना तैयार की है, जिसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार दोनों के द्वारा मिलकर एयरपोर्ट को शुरू करने की बात कही गई है।
हवाई यात्रा सस्ता व जहाज कंपनियों को बेहतर सुविधा देने का भी निर्णय लिया गया है। अ
नुदान की राशि रख-रखाव व सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी नियम बनाया गया है। अंतरराष्ट्रीय महत्व के शहर रक्सौल को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए पिछले एक दशक से जोड़-तोड़ चल रहा है।
कितने नंबर पर है रक्सौल एयरपोर्ट
सरकार ने सौ एयरपोर्ट को शुरू करने की सूची तैयार की है। सीमावर्ती एयरपोर्ट का जीर्णोद्धार कर आधुनिक बनाये जाने की भी योजना है। हाल ही में चारदीवारी बनाकर इस एयरपोर्ट को सुरक्षित किया गया है। इन दिनों करीब 122 एकड़ और भूमि अधिग्रण प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
एयरपोर्ट का क्या है क्षेत्रफल
रक्सौल प्रखंड के पनटोका पंचायत के सीमावर्ती हरैया गांव में स्थित सिविल एविएशन का एयरपोर्ट सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इस एयरपोर्ट का क्षेत्रफल करीब दो किलोमीटर से अधिक लंबा व 3 किलोमीटर चौड़ा है। इस भूमि पर फिलहाल चारदीवारी व पूर्व में बने जर्जर भवन है।
इस भूमि पर स्थानीय लोग खेती करते है।
कब हुआ था निर्माण
चंपारण गजेटियर के अनुसार भारत-चीन के बीच उत्पन्न तनाव के मद्देनजर 1960 में इसका निर्माण किया गया। 1962 तक योजनाबद्ध तरीके से इसका आधुनिकीकरण व रख-रखाव चलता रहा।
1968 में रक्सौल, मुजफ्फरपुर व भागलपुर के लिए कलिंग एयर सर्विस शुरू हुआ। इसके बाद से सरकार ने राजस्व व सुरक्षा की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण एयरपोर्ट को नजर अंदाज कर दिया, जिससे 70 के दशक के बाद से उड़ानें बंद हो गईं।
भारत-चीन युद्ध के उपरांत जनरल केएम करियप्पा ने सीमा क्षेत्र का दौरा किया था, जिसमें युद्ध के दौरान सैन्य सामग्री व हवाई हमले के लिए सबसे बेहतर स्थल के रूप में चयन किया।
सरकार ने 60 के दशक में दमदम एयरपोर्ट के बाद देश के दूसरे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण रक्सौल में किया, परंतु सीमा क्षेत्र का विकास व एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रक्सौल यात्रा होने की प्रबल संभावना है। तिथि निर्धारित नहीं है। आगामी माह एयरपोर्ट, आईटीआई कॉलेज, यात्री शेड्स व अन्य विकास योजनाओं का शिलान्यास कर सकते हैं। एयरपोर्ट का अन्तरराष्ट्रीय लुक होगा। संभावना है कि 2026 तक एयरपोर्ट शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए स्थानीय सांसद डॉ. संजय जायसवाल लगतार प्रयास में लगे हैं।-विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा
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