Bihar Farmers : कब करें कीटनाशक का छिड़काव? आम-लीची के पेड़ों को कीट से बचाने के लिए क्या करें किसान
Bihar Farmers News बिहार में आम और लीची के पेड़ों पर मंजर लगने लगे हैं। ऐसे में अच्छी पैदावार को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है। अपने पेड़ों पर लगने वाले फलों को कीटों से बचाने के लिए किसान क्या-क्या सुरक्षा उपाय कर सकते हैं? इस संबंध में कृषि विभाग की ओर से किसानों को जानकारी दी जा रही है।
जासं, रक्सौल। वसंत ऋतु का आगमन हो गया है। आम और लीची के पेड़ों में मंजर लगना शुरू हो गया है। इसको लेकर किसान बागवानी में आम के पेड़ों पर लग रहे मंजर को कीटों से बचाव की तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए तत्काल दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
प्रखंड क्षेत्र में करीब 354 हेक्टेयर में आम एवं करीब 11 हेक्टेयर में लीची की बागवानी किसानों द्वारा अलग-अलग लगाया गया है। इसमें लगने वाले मंजर में कीटों से बचाव के संबंध में कृषि कर्मी लोगों को जानकारी दे रहे हैं।
तीन बार करें कीटनाशक का छिड़काव
इसमें मंजर पर लगने वाले कीटों से बचाव के लिए तीन बार कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की सलाह दी जा रही है। बताया जा रहा है कि पहला छिड़काव मंजर लगने से पूर्व किया जाता है। इसे पेड़ की डालियों पर दरार में छिपे कीटों तक पहुंचाया जाता है।ये कीट जैसे-जैसे वायुमंडल के तापमान में वृद्धि होने लगती है, तब वैसे-वैसे इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है। जो मंजर को क्षति पहुंचाते हैं। इसके बाद दूसरा छिड़काव तब किया जाता है, जब मंजर में छोटे-छोटे दाने बनने लगें।
फफूंदनाशी दवा का छिड़काव
इस पर फफूंदनाशी दवा का छिड़काव किया जाता है। इसके बाद तीसरा जब दाना मटर के बराबर का आकार लेने लगे, तब किया जाता है।इस समय भी फफूंदनाशी एवं पीजीआर का घोल कीटनाशक दवाओं के साथ मिलाकर छिड़काव किया जाता है। इससे आम के टीकोले को सुरक्षा मिलती है।इसके इमिडाक्लोप्रीड 17.8, थायक्लोप्रिड 21.7, इमामेक्टिन बेंजाएट, थायोफैनेट मिथाइल, क्लोरोथैलोनील बताई गई मात्रा के अनुसार पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं। इससे कीट एवं फफूंदी से बचाव होगा।
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