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Bihar News: पराली जलाने वाले 40 किसानों पर गिरी कृषि विभाग की गाज, आईडी हुई ब्लॉक; सरकारी अनुदान बंद

खेतों में फसल अवशेष (पराली) जलाने को लेकर कृषि विभाग ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की है। कृषि विभाग के द्वारा कार्रवाई के बाद भी किसान खेतों में फसलों की अवशेष पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पराली जलाने से पर्यावरण और खेतों की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान पहुंचता है। कृषि विभाग ने किसानों की आईडी को भी ब्लॉक कर दिया है।

By sanjay kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 30 Apr 2024 08:21 PM (IST)
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फसल के अवशेष जलाने पर 40 किसानों पर गिरी गाज
जागरण संवाददाता, गया। खेतों में फसल अवशेष (पराली) जलाने से पर्यावरण और खेतों की उर्वरा शक्ति को नुकसान होता है। ऐसे में कृषि विभाग खेतों में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ जिले में कार्रवाई की है।

कृषि विभाग की ओर से कार्रवाई किए जाने के बावजूद किसान खेतों में फसलों अवशेष पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं कृषि विभाग की ओर से फसल अवशेष जलाने को लेकर किसानों पर की गई कार्रवाई भी बेहद धीमी है।

40 किसानों पर की गई कार्रवाई

ऐसे जिले में फसल अवशेष जलाने वाले 40 किसानों पर कार्रवाई की गई है। किसानों पर फसल अवशेष जलाने के मामले में आईडी को ब्लॉक कर दिया गया है। इससे सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान और सुविधा से वंचित कर दिया गया है।

इनका नाम है शामिल

जिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने कहा कि फसल अवशेष जलाने के विरुद्ध अतरी प्रखंड के बचन दास, कौशिलया देवी, राजनंदन महतो, केदार राम, अरविंद अकेला, खिजरसराय प्रखंड के संगीता देवी, फलन देवी, भाग्यमति देवी, कपिल शर्मा, ललिता देवी, गुडु देवी, निरमा देवी, रामनंदन प्रसाद, सिकंदर कुमार, जयमनी देवी, राजेश कुमार, नीलू देवी, धर्मवीर जमादार, रामाश्रय पसाद, मनीष कुमार एवं उदय सिंह है।

वहीं मोहड़ा प्रखंड के ललिता देवी, रौशन कुमार, चंदन कुमार एवं कांति देवी है। मानपुर प्रखंड के बच्चू सिंह, सुनील कुमार, लीला देवी, सुरेश प्रसाद, मनोज कुमार, द्वारिका पासवान, मुन्नी यादव, भागवत यादव एवं राम बालक यादव है। गुरारू प्रखंड के सोहन ठाकुर एवं रफीक उद्दीन है।

वहीं बेलागंज प्रखंड के राजेंद्र प्रसाद एवं हरीचरण यादव पर कार्रवाई की गई है। उक्त किसानों को तीन वर्षो से तक किसी तरह के सरकारी लाभ नहीं मिलेगा। किसान आईडी को ब्लॉक करने की कार्रवाई की गई है। इनमें महिला किसान भी शामिल हैं।

भूमि की उर्वरा शक्ति होती क्षीण

फसल अवशेष जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होने तथा पर्यावरण को होने वाले भारी नुकसान से अवगत कराया जा रहा है। इसके बाद भी फसल अवशेष खेतों से साफ करने में लगने वाली भारी भरकम मजदूरी से बचने के लिए किसान आसान उपाय के तहत खेतों में अवशेष जलाने का काम लगातार कर रहे हैं।

खेतों में फसल अवशेष को जलाने के पीछे बढ़ती मजदूरी और लगातार पशुधन की होती कमी प्रमुख कारण है। जिन खेतों से किसान फसलों की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर से करते हैं। वहां अवशेष ज्यादा रह जाती है। अवशेष हटाने के लिए किसान अगर मजदूरों की मदद लेते हैं तो यह काफी महंगा पड़ता है। ऐसे में किसान अवशेष को जला देना ही बेहतर विकल्प समझते हैं।

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