Gaya: स्वयं पीपीई किट में लपेटा और ठेले पर शव लादकर ले गए श्मशान, अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस
गया के टिकारी में मानवीय संवेदना को झकझोड़नेवाली एक घटना सामने आई है। यहां कोरोना से मौत के बाद न तो अस्पताल के कर्मी ने शव को पीपीई किट में लपेटा और न अस्पताल प्रशासन की ओर से शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस दी गई।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Fri, 30 Apr 2021 08:16 AM (IST)
टिकारी (गया), संवाद सहयोगी। कोरोना से मौत के बाद अंत्येष्टि होने तक शव की दुर्गति की खबरें आए दिन सामने आ रही हैं। अभी पड़ोसी जिले औरंगाबाद में कोरोना से मौत के बाद एंबुलेंस के बिना रातभर अस्पताल में शव छोड़ दिए जाने की घटना पुरानी भी नहीं पड़ी थी कि गया में ऐसी ही घटना हो गई। यहां कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के लिए एंबुलेंस नहीं मिला तो उसे ठेले पर लादकर श्मशान तक पहुंचाया गया।
इलाज के कुछ देर बाद ही हो गई मौतघटना टिकारी के अनुमंडलीय अस्पताल की है। यहां गुरुवार की सुबह एक कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत इलाज के क्रम में हो गई। मृतक के एक स्वजन ने बताया कि सुबह में अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मरीज को अस्पताल ले जाया गया। वहां पहले कोविड 19 की जांच की गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई इसके बाद इलाज शुरू किया गया। लेकिन कुछ देर इलाज के बाद ही उसकी मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने शव ले जाने को कहा गया। इसपर स्वजनों ने मृतक को पीपीई किट में लपेटने का आग्रह किया। तब स्वजनों को मृतक के साथ दो अतिरिक्त पीपीई किट अस्पताल प्रशासन की ओर से दे दिया गया।
एंबुलेंस मांगी तो अस्पताल प्रशासन ने खड़े किए हाथ स्वजनों ने स्वयं शव को पीपीई किट में लपेटा। इसके बाद शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए एंंबुलेंस की मांग की तो अस्पताल प्रशासन ने हाथ खड़ा कर दिया। इसके बाद निराश होकर स्वजनों ने ठेला का प्रबंध किया। अपने गांव के मोरहर नदी स्थित श्मशान घाट लेकर आए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतक प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत महमन्ना गांव का रहने वाला था। मृतक का बड़ा भाई भी कोरोना पोजिटिव है।
पूरी रात अस्पताल में रखा रहा शव गौरतलब है कि औरंगाबाद में बुधवार की रात सदर अस्पताल में दो की मौत हो गई। लेकिन कोई उसकी सुध लेने वाला नहीं था। स्वजन रातभर परेशान रहे। कोरोना से मौत के संदेह पर डॉक्टर व कर्मी उनके पास नहीं जा सके। स्वजनों में कुछ लोग शव से अलग होकर बैठ गए। इस दौरान कुछ स्वजन शव के संपर्क में आते रहे। एक शव वार्ड की तरफ जाने वाले बरामदे के बीचोंबीच व दूसरा इमरजेंसी कक्ष के बाहर बीच रास्ते में स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। इस दौरान अस्पताल में लोगों को आना-जाना जारी रहा। कई लोग बगल से गुजरे। सुबह में जब दोनों की जांच की गई तो एक कोरोना पॉजिटिव निकले। अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन ने इसकी पुष्टि की। इधर, मरीजों के स्वजनों के अलावा सड़क दुर्घटना में घायल का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे गुलाब बिगहा निवासी पवन शर्मा व अंबा के पैक्स अध्यक्ष छोटेलाल पांडेय ने कहा कि संक्रमित का शव सदर अस्पताल में ऐसी जगह पूरी रात पड़ा रहना गलत है।
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