धान का भाव, देना हो तो प्रति क्विंटल 17 सौ रुपये दो, जानिये कैसे एमएसपी पर धान बेचने में छूट रहा पसीना
लगभग 59 लाख क्विटल धान खरीद के मिले लक्ष्य के बाद भी किसान व्यापारियों के हाथ एमएसपी से लगभग चार सौ से पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल कम दाम पर बेचने को विवश हैं। पैक्स आवश्यक संसाधन व खर्च को कम बता रहे हैं।
By Prashant Kumar PandeyEdited By: Updated: Fri, 17 Dec 2021 03:52 PM (IST)
जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के लिए जिले के 247 पैक्सों व व्यापार मंडलों को दी गई जवाबदेही के बाद भी किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है। लगभग 59 लाख क्विटल धान खरीद के मिले लक्ष्य के बाद भी किसान व्यापारियों के हाथ एमएसपी से लगभग चार सौ से पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल कम दाम पर बेचने को विवश हैं। पैक्स सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर धान खरीदने के लिए मिलने वाले आवश्यक संसाधन व खर्च को कम बता रहे हैं। लक्ष्य के अनुरूप खरीदारी करने पर पैक्सों को कर्ज में डूबने तक की बात कह रहे हैं। सिस्टम और पैक्स के बीच पीस रहे किसान अपनी उपज को किसी तरह बेचने के लिए परेशान दिख रहे हैं। किसानों की मानें तो अब कई पैक्सों में गैर रैयत दिखा किसानों से 17 सौ रुपये प्रति क्विंटल धान खलिहान से ही खरीदने की बात कही जा रही है।
50 हजार से अधिक रैयत व गैर रैयत किसानों ने पंजीकरण भी करायाबताया जा रहा है कि केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य मत देखिए, पैक्सों का खर्च भी जानिए। जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की जवाबदेही निभा रहा सहकारिता विभाग ने 235 पैक्सों व 12 व्यापार मंडल के माध्यम से अधिप्राप्ति कार्य कर रहा है। धान बेचने के लिए जिले के 50 हजार से अधिक रैयत व गैर रैयत किसानों ने पंजीकरण भी कराया है। गत 15 नवंबर से प्रारंभ धान अधिप्राप्ति कार्य में निर्धारित लक्ष्य 5.89 लाख टन के विरुद्ध अबतक 5279 किसानों से 48924 टन धान की ही खरीद हो पाई है।
17 सौ रुपये तक धान बेचने की विवशता : शिवसागर प्रखंड के राम उग्रह सिंह, दिनारा प्रखंड के रविंद्र तिवारी, लालबाबू सिंह समेत अन्य किसानों की मानें तो कई पैक्स अध्यक्ष किसानों से 17 सौ रुपये प्रति क्विंटल पर ही सौदा तय कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे धान का पूरा पैसा खाता में देंगे लेकिन धान बेचने में लगने वाले खर्च वे जमा कर दें। उनके अनुसार डेढ़ से दो सौ रुपये प्रति क्विंटल खर्च गिर रहा है। इस वर्ष उसना चावल जमा करने के बने नियम के बाद परेशानी और बढ़ गई है। पैक्स अध्यक्षों से मिले सलाह के बाद कई रैयत- गैर रैयत किसान धान बेचने के जुगाड़ में जुट गए हैं।
दो दर्जन से अधिक पैक्सों में शुरू नहीं हुआ अधिप्राप्ति कार्य :
जिले के कई पैक्सों में धान खरीद का कार्य शुरू भी नहीं हो पाया है। बिक्रमगंज के मरौना व नोनहर, चेनारी प्रखंड के केनारकला, काराकाट के सकला, करूप व अमौना, करगहर के डुमरा, नासरीगंज के अतिमि, परुरी, नोखा के धरमपुरा, शिवसागर के नाद, पड़ुरी, रायपुर चोर, दिनारा के अरंग समेत कई पैक्सों में धान की खरीद शुरू नहीं हुई है। बिक्रमगंज व्यापार मंडल में भी धान खरीद शुरू नहीं होने से किसान परेशान हैं।
धान खरीद में कम मिल रहा खर्च :पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि मिलरों द्वारा धान की कुटाई, बोरी पर पैक्स का नाम छपाई व लोडिंग-अनलोडिंग के लिए किए गए करार तथा सरकार द्वारा इस मद में प्राप्त राशि में काफी अंतर है। इस वर्ष मिलों तक धान की ढुलाई व एसएफसी गोदाम तक धान ले जाने का खर्च भी कई गुना अधिक लग रहा है। धान खरीद में सरकार द्वारा दिया जाने वाला खर्च व वास्तविक खर्च में काफी अंतर होने से कई पैक्स अध्यक्ष खरीद में रूचि नहीं ले रहे हैं।
कहते हैं अधिकारी : धान खरीद लक्ष्य 5.89 लाख टन को पूरा करने के लिए प्रशासन प्रयासरत है। इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। किसानों के उपज का मूल्य बैंक खाते में जाना है। अगर कहीं से कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। समरेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी- रोहतास
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