बिहार के इन दो शहरों में अब भीख मांगते नहीं दिखेंगे लोग, ले लिया गया बड़ा फैसला; सड़कों से उठाकर यहां लाए जाएंगे
गया व बोधगया में भीख मांगने वालों को इस लज्जाजनक धंधे से मुक्त कराकर उनकी क्षमता के अनुसार प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाएगा। जिलाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम ने इस दिशा में पहल की है। सड़क से उठाकर भिखारियों को पहले बोधगया में बने शांति व सेवा कुटीर में लाया जाएगा। इसके बाद उनकी काउंसिलिंग की जाएगी और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
नीरज कुमार, गया। गया व बोधगया में भीख मांगने वालों को इस लज्जाजनक धंधे से मुक्त कराकर उनकी क्षमता के अनुसार प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि वे पुन: इस ओर न लौटने पाएं। हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगना न केवल व्यक्ति के सम्मान के विरुद्ध है, बल्कि इससे समाज और देश की छवि भी प्रभावित होती है। जिलाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम ने इस पर संज्ञान लेते हुए कार्ययोजना बनाई है और इसे पूरी तत्परता से कार्यान्वित करने के आदेश दिए हैं।
स्कूली बच्चे भी मुहिम में होंगे शामिल
दैनिक जागरण भिक्षावृत्ति के संबंध में लगातार प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कर रहा था। विशेष रूप से धार्मिक और पर्यटन स्थलों के पास भीख मांगने वालों के कारण विदेशी पर्यटकों के समक्ष देश की एक नकारात्मक छवि भी बनती है, जिसे रोका जाना चाहिए। इस कड़ी में स्कूल के बच्चे भी आगे आए हैं कि वे वैसे लोगों को समझाएंगे और भीख मांग रहे बच्चों को स्कूल से जोड़ने में सहायता करेंगे।
सड़क से उठाकर यहां भेजे जाएंगे भिखारी
जिलाधिकारी ने सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि गया और बोधगया के धार्मिक स्थलों के आसपास भीख मांगने वालों ने डेरा बना लिया है।उन्हें संबंधित कार्य एजेंसी व पुलिस की सहायता से बोधगया में बने शांति व सेवा कुटीर में रखा जाए। यह कार्य एक सप्ताह के अंदर पूरा करने को कहा गया है, ताकि धार्मिक स्थलों के पास ऐसे दृश्य कतई नहीं दिखें।
इन सभी को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए योजनाओं का लाभ देते हुए प्रशिक्षित भी किया जाए। महत्वपूर्ण यह है कि उन्हें इस प्रवृत्ति से मुक्त किया जाए। ऐसे एक-एक व्यक्ति को चिह्नित किया जाएगा।
भिखारियों की केंद्र में होगी काउंसिलिंग
जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार की मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण लागू है। भीख मांगने वालों के पुनर्वास और कौशल क्षमता विकास के लिए केंद्र सरकार की स्माइल योजना भी चलाई जा रही है। दोनों ही योजनाएं सामाजिक सुरक्षा के अधीन हैं।
उन्होंने विभाग के सहायक निदेशक को इन दोनों का गहनता से अध्ययन कर उसी अनुरूप योजना बनाते हुए कार्यान्वित करने का निर्देश दिया है। इसमें कौशल विकास को लेकर भी नियम वर्णित हैं। भीख मांगने वालों को पहले उस स्थल से उठाकर केंद्र में लाना है।इसके बाद उनकी काउंसिलिंग करते हुए क्षमता के अनुसार कौशल विकास से जोड़कर स्वावलंबी बनाने को प्रशिक्षण देना है। उन्हें रोजगार करने लायक बनाया जा सके, इसका ध्यान रखा जाएगा। वे स्वयं इस लायक बन जाएंगे तो उन्हें संबंधित योजना के लिए आर्थिक सहायता भी की जाएगी।
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