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बड़े बकाएदारों पर अब लगेगा सरफेसी एक्ट, संपत्ति तक हो जाएगी नीलाम, जानें क्या है इस एक्ट के प्रावधान

जिले में 65 बड़े बकाएदारों को चिह्नित किया गया है। यह बकाएदार एसबीआई व पंजाब नेशनल बैंक की विभिन्न शाखाओं से ऋण प्राप्त किए हैं। लेकिन राशि वापस नहीं करने पर इनके विरुद्ध सरफेसी एक्ट के तहत राशि वसूल करने की कार्रवाई प्रारंभ की जा रही है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Updated: Sat, 05 Mar 2022 11:58 AM (IST)
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कैमूर जिले में बकायेदारों पर सरफैसी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
 जासं, भभुआ: जिले की विभिन्न बैंक शाखाओं से ऋण लेने वाले बड़े बकाएदारों पर सरफेसी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई होगी। बैंकों के बड़े बकाएदारों पर दस लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक की राशि का बकाया है। खाता एनपीए हो जाने के बावजूद भी बकाएदारों द्वारा राशि की वापसी नहीं की गई है। इस संबंध में एलडीएम सुभाष चंद्र ने बताया कि जिले में 65 बड़े बकाएदारों को चिह्नित किया गया है। यह बकाएदार एसबीआई व पंजाब नेशनल बैंक की विभिन्न शाखाओं से ऋण प्राप्त किए हैं। लेकिन राशि वापस नहीं करने पर इनके विरुद्ध सरफेसी एक्ट के तहत राशि वसूल करने की कार्रवाई प्रारंभ की जा रही है। 

दस लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक बकाया

उन्होंने कहा कि इन बड़े बकाएदारों पर दस लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक की राशि बकाया है। एलडीएम ने कहा कि राशि जमा करने के संबंध में बैंकों द्वारा लगातार ऋणधारकों को सूचना दी जाती है। इसके बावजूद भी राशि जमा करने में ऋणधारक रुचि नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरफेसी एक्ट की कार्रवाई से पूर्व सभी बड़े बकाएदारों को एक बार नोटिस देकर राशि जमा करने की सूचना दी जाएगी। निर्धारित समय के अंदर राशि नहीं जमा करने पर ऋणधारकों के विरुद्ध सरफेसी एक्ट के तहत कार्रवाई कर राशि वसूल की जाएगी। 

लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बैंक उपलब्ध कराती है ऋण

बता दें कि सरकार द्वारा लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन ऋण लेने के बाद लाेग उसे वापस नहीं कर रहे। इसके चलते बैंकों के द्वारा ऋण देने से हाथ पीछे कर लिया जा रहा है। इससे कई वैसे लोग जिन्हें ऋण की जरूरत है उन्हें ऋण नहीं मिल पा रहा है।

क्या है सरफेसी एक्ट

सरफेसी अधिनियम एक ऐसा कानून है जो भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अदालतों के हस्तक्षेप के बिना क्रेडिट डिफॉल्टरों की संपत्ति को बेचने या नीलाम करने की अनुमति देता है। इसके तहत, प्रतिभूतिकरण एसेट पुनर्निर्माण और प्रतिभूति ब्याज का सेंट्रल रजिस्ट्री (CERSAI) भी गठित किया गया है।

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