बिहार में बदल रहा एजुकेशन सिस्टम... गया में 1100 शिक्षकों ने 5500 छात्रों को लिया गोद, रोजाना लगेगी एक्स्ट्रा क्लास
बिहार में शिक्षा व्यवस्था धीरे-धीरे बदल रही है। दक्ष योजना का असर भी देखने को मिल रहा है। शिक्षकों ने छात्रों को गोद लेना शुरू कर दिया है। गया जिले में 1100 शिक्षकों ने 5500 छात्रों को गोद लिया है। स्कूल के बाद इन छात्रों की एक्स्ट्रा क्लास लगेगी। गोद लिए कमजोर बच्चों पर शिक्षक विशेष ध्यान दे रहे हैं या नहीं इसकी निगरानी शिक्षा विभाग के द्वारा की जाएगी।
जागरण संवाददाता, गया। जिले के प्रारंभिक विद्यालय में पढ़ने वालों में कमजोर छात्र-छात्रा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सभी शिक्षक पांच-पांच बच्चों को गोद ले रहे हैं। 1100 शिक्षकों द्वारा 5500 छात्रों को गोद लिए जाने के सूची सूची डीईओ के पास भेजी गई है। विद्यालय में सभी बच्चों को छुट्टी देने के बाद गोद लिए कमजोर बच्चों को शिक्षक पढ़ाना शुरू करेंगे। यह उनका प्रतिदिन का रूटीन होगा।
गोद लिए कमजोर बच्चों पर शिक्षक विशेष ध्यान दे रहे हैं या नहीं इसकी निगरानी शिक्षा विभाग के द्वारा की जाएगी। एक माह में बच्चों को शिक्षक क्या-क्या पढ़ाए इसके लिए जांच परीक्षा ली जाएगी। इसमें सफल नहीं होने वाले बच्चों की जिम्मेवारी गोद लेने वाले शिक्षकों पर होगी।
बदलेगी बच्चों की सोच
सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले कमजोर बच्चों के प्रति तेज बच्चों की सोच कुछ और ही रहती है, लेकिन अब कमजोर बच्चों के प्रति शिक्षकों द्वारा विशेष ध्यान देते ही वो भी इंटेलिजेंट बन जाएंगे। माना जा रहा है कि उनमें बहुत बड़ा बदलाव आएगा। अपनी कक्षा में स्मार्ट छात्रों की तरह ही फटाफट जवाब देना शुरू कर देंगे। कमजोर बच्चों में बदलाव देख उनके माता पिता भी प्रसन्न होंगे। उसके बाद वे बच्चों को नियमित विद्यालय भेजना शुरू कर देंगे।
जिले के 3110 प्रारंभिक विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों को पांच-पांच कमजोर बच्चों को गोद लेना है। उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना है, ताकि वे भी इंटेलिजेंट हो जाएं। अभी तक 1100 शिक्षकों के द्वारा 5500 बच्चों को गोद लिया गया है। सभी विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक पांच-पांच बच्चों को गोद लेकर सूची भेज रहे हैं। यह कार्य मिशन दक्ष योजना के तहत किया जा रहा है। - राजदेव राम, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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