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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विष्णुपद और बोधगया को किया जाएगा विकसित, पर्यटन को बढ़ावा देने पर रहेगा जोर

प्रसिद्ध विष्णुपद और बोधगया के महाबोधि मंदिर को जल्द ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने के लिए काम शुरू किया जा सकता है। विधायक डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार विरासत विकास समिति की बैठक में पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर चर्चा की गई।

By neeraj kumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 08 Jun 2023 09:29 PM (IST)
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काशी विश्वनाथ कारिडोर की तर्ज पर विष्णुपद और बोधगया को भी करें विकसित
जागरण संवाददाता, गया: गया के प्रसिद्ध विष्णुपद और बोधगया के महाबोधि मंदिर को जल्द ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने के लिए काम शुरू किया जा सकता है। विधायक डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार विरासत विकास समिति की बैठक में गया के विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई।

कोटेश्वर मंदिर के विकास पर कर रहे काम

बैठक के दौरान, पर्यटन निर्माण निगम के अभियंता ने सभापति को बताया कि बेलागंज के कोटेश्वर धाम मंदिर में पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किया जा रहा है। कोटेश्वर मंदिर परिसर में चारदीवारी, आठ कमरों सहित एक बड़ा हॉल, टॉयलेट ब्लॉक, बाहरी द्वार और गेट का निर्माण कराया जा रहा है। सभापति ने निर्देश दिया कि अगले एक महीने के अंदर सभी कार्यों को पूर्ण कराना है।

काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर तर्ज पर करें विकसित

सभापति ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर में बनाए गए कॉरिडोर की तर्ज पर विष्णुपद धाम और बोधगया को भी कारिडोर के रूप में विकसित करें ताकि और अधिक पर्यटक पहुंचे। प्रेतशिला में पर्यटकों की सुविधा के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा रोप-वे का निर्माण करवाया जा रहा है।

2024 में पूरा होगा रोपवे का काम

यह कार्य 2024 के अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। एक बार में 16 लोग एकसाथ रोप-वे का प्रयोग करेंगे। रोप-वे के माध्यम से एक छोर से दूसरे छोर जाने में तीन सेकंड प्रति मीटर का समय लगेगा। इसके साथ दो अन्य रोपवे जो डुंगेश्वरी एवं ब्रह्मयोनि में बनवाया जा रहा है। रोप-वे निर्माण का कार्य अगले माह से शुरू होगा जो वर्ष 2024 के जून तक पूर्ण हो जाएगा।

महाबोधि की सुरक्षा का रखें ध्यान

सभापति ने कहा कि बोधगया महाबोधि मंदिर की सुरक्षा प्रशासन की जिम्मेदारी है। उसकी विरासत को बचाना है। उन्हें जानकारी मिली है कि महाबोधि मंदिर में लगे अधिकांश सीसीटीवी कैमरा खराब पड़ा है। इसे अपने स्तर से देख लें ताकि कोई खतरा नहीं हो। 

तीर्थ और पर्यटन स्थल पर पौधारोपण कराएं

सभापति ने निर्देश दिया कि जिले के सभी पर्यटन स्थल, तीर्थ स्थल पर व्यापक पैमाने पर प्लांटेशन का कार्य करवाएं। गया, बोधगया सहित मुचलिन्द सरोवर, विष्णुपद घाट, मंदिर, सीताकुंड, प्रेतशिला, नेशनल हाईवे 82, नेशनल हाईवे 83 सहित गया नगर निगम के क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर हरियाली अर्थात पेड़ पौधे लगवाए ताकि वातावरण संतुलित हो सके।

सभापति ने कहा कि गया गांधी मैदान को पटना गांधी मैदान के तर्ज पर समिति का गठन किया जाय ताकि गया गांधी मैदान का पूरा अच्छी तरीके से मेंटेनेंस हो सके।

धार्मिक स्थल की मेटेंनस की जरूरत

सभापति ने कहा कि हृदय योजना के तहत बनाई गई विभिन्न संरचनाओं, जो ब्रह्मयोनि, बैतरनी, अक्षयवट, सीताकुंड, बोधगया सहित अन्य स्थलों में है। ये सभी मेंटेनेंस के अभाव में खराब हो रहे हैं, इसे मेंटेनेंस कराने पर विचार करें। मंगलागौरी पर्वत पर पानी की काफी समस्या देखी जा रही है। गया नगर निगम वहां पर पानी का वैकल्पिक व्यवस्था करवाए। बैठक के पहले सभापति द्वारा बोधगया मंदिर, धर्मारण्य वेदी का निरीक्षण किया गया।

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