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Bihar Land Registry: रजिस्ट्री के नए नियमों ने बिहार में खड़ा किया बड़ा संकट, जमीन खरीद-ब्रिकी पर लगा ब्रेक

बिहार सरकार ने लैंड रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए जमाबंदी कानून को लागू किया है। जमीन बेचने को लेकर भू-स्वामी को ही सभी तरह का अधिकार दिया गया है। हालांकि निबंधन कार्यालय में नए कानून और जमीन की रजिस्ट्री को लेकर स्पष्ट जानकारी देने के लिए कोई अधिकृत नहीं है। ऐसे में जमीन रजिस्ट्री को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गई है।

By neeraj kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 01 Mar 2024 06:19 PM (IST)
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बिहार में जमीन खरीद-ब्रिकी पर लगी ब्रेक। (सांकेतिक फोटो)
जागरण संवाददाता, गया। बिहार सरकार ने जमीन के निबंधन में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए जमाबंदी कानून को लागू की है, ताकि जमीन के जो मूल मालिक हैं, वह अपनी सहमति से जमीन को बेच सकें। जमाबंदी कानून आने से जमीन के फर्जीवाड़ा करने वालों पर लगाम लगेगी। जमीन बेचने को लेकर भू-स्वामी को ही सभी तरह का अधिकार दिया गया है।

हालांकि जिला अपर निबंधन कार्यालय में नए कानून और जमीन की रजिस्ट्री को लेकर स्पष्ट जानकारी देने के लिए कोई अधिकृत नहीं है। ऐसे में नये कानून से जमीन रजिस्ट्री को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गई है।

नतीजा यह है कि जमीन रजिस्ट्री में बड़े पैमाने पर गिरावट दर्ज की जा रही है। वित्तीय वर्ष के आखिर में जहां जमीन रजिस्ट्री कराने के लिए होड़ लगी रहती थी, वहां अभी सन्नाटा पसरा हुआ है।

23 फरवरी को जमाबंदी कानून को लागू किया गया है। उसके बाद प्रत्येक दिन जमीन रजिस्ट्री में गिरावट दर्ज की गई है। इस नये कानून से जमीन रजिस्ट्री पर असर पड़ा है।

जमाबंदी अपडेट नहीं होने से हो रही परेशानी

जमाबंदी कानून आने से भू-स्वामी को न्याय और जमीन बेचने का पूर्ण अधिकार मिलेगा, लेकिन सबसे बड़ी समस्या है कि पूरे प्रदेश में जमीन की जमाबंदी अपडेट नहीं है।

इसमें काफी त्रुटियां हैं, जो लोग जमीन रजिस्ट्री कराने आ रहे हैं, उनके जमाबंदी में खाता, प्लांट नंबर, सर्वे नंबर और शहरी क्षेत्र का होल्डिंग नंबर अंकित नहीं है। ऐसे में उनकी जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो रही है।

कई पीढ़ी से जमीन नहीं हुआ बंटवारा

गया की बात करें तो जिले में जो जमीन उपलब्ध है। उसमें 80 से 90 प्रतिशत जमीन पुस्तैनी है। पुस्तैनी जमीन वर्तमान समय में पूर्वजों के नाम पर है, उनका वर्तमान में संतान के नाम पर बंटवारा नहीं हुआ है। अब जब जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है, उनके नाम पर जमाबंदी नहीं होगी।

जब जमाबंदी नहीं होगी, तो विशेष परिस्थिति में नये जमाबंदी कानून से चाहकर भी अपनी जमीन को बेच नहीं सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार के भूमि सुधार विभाग एवं राजस्व विभाग को चाहिए कि पहले जमाबंदी, डिमांड को अपडेट करें। तभी यह कानून संभव नहीं है।

नये कानून से कारोबार ठप्प

बिहार दस्तावेज नवीस संघ के प्रदेश महामंत्री मुरारी प्रसाद सिन्हा बताते हैं कि उन्हें जमाबंदी के नए कानून का विरोध नहीं है लेकिन जमाबंदी को राज्य सरकार अपडेट कराए। नए कानून से जमीन रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है।

जिल में 200 निबंधित डीड राइटर हैं, उनका काम बंद है, ऐसे में होली का त्योहार भी डीड राइटर के लिए फीका रह सकता है।

प्रदेश सरकार से एक आदेश मिला है कि जिनकी जमाबंदी है, उसमें अगर खाता, प्लाट, सर्वे नंबर नहीं रहने पर जमीन की रजिस्ट्री होगी। एक जमीन पर पार्टीदार अनेक हैं। एक पार्टीदार जमीन बेचना चाहते हैं, उसकी बिक्री कर सकते हैं।

क्या कहते हैं निबंधन अधिकारी?

जमाबंदी के कारण जमीन की रजिस्ट्री पर असर पड़ा है। अभी वर्तमान में 40 प्रतिशत ही जमीन की रजिस्ट्री हो रही है। विभागीय दिशा-निर्देश का अनुपालन किया जा रहा है। -राकेश कुमार, जिला अवर निबंधन कार्यालय, गया।

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