Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bihar Land Survey: सर्वे के दौरान जमीन मालिकों को दिखने हैं कौन से दस्तावेज? सरकारी रिकॉर्ड से होगा मिलान

बिहार सभी पंचायतों में तय तिथि के अनुसार जमीन सर्वे को लेकर ग्राम सभा आयोजित की जा रही है। ग्राम सभा में रैयत को सभी प्रकार की जानकारी दी जा रही है। रविवार को नौडीहा सुल्तानपुर पंचायत में ग्राम सभा आयोजित की गई। ग्राम सभा में उपस्थित लोगों को बताया गया कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जमीन सर्वे का काम शुरू हो चुका है।

By himanshu gautam Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 25 Aug 2024 04:20 PM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

संवाद सूत्र, फतेहपुर। बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है। एक साल में काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसको लेकर, गांव भर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

ग्राम सभा में शिविर प्रभारी एवं कानूनगो के द्वारा बताया गया कि सर्वे के दौरान रैयत या जमीन मालिकों को अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज देने होंगे। इन दस्तावेजों का मिलान सरकारी रिकॉर्ड से होगा।

मिलान के बाद ही दस्तावेजों को अंतिम रूप से अपलोड किया जाएगा। अगर जमा किए गए दस्तावेजों में नाम, खसरा-खाता संख्या अन्य किसी चीज का मिलान सरकार के पास मौजूद रिकॉर्ड से नहीं होने पर। उस जमीन के कागजों को अपलोड नहीं किया जाएगा।

ऐसी स्थिति में संबंधित व्यक्ति को सूचना दी जाएगी कि वे अपनी जमीन के सही दस्तावेज उपलब्ध कराए। अगर इसके बाद भी उक्त व्यक्ति के द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए तो जमीन को सरकारी रिकार्ड में मौजूद नाम पर दर्ज कर दिया जाएगा।

जमीन स्वामित्व के लिए ये प्रमाण जरूरी

जमीन के लिए तीन तरह के साक्ष्य मान्य होंगे। पुश्तैनी जमीन के लिए खतियान। खरीदी गई जमीन के लिए रजिस्ट्री और सरकार से मिली हुई जमीन के लिए पर्चा या बासगीत पर्चा मान्य होगा। अगर किसी जमीन की रसीद अपडेट नहीं है, तो पुरानी रसीद भी मान्य होगी।

अगर दाखिल-खारिज नहीं हुई है, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जमीन सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन के लिए इसमें से कोई भी एक दस्तावेजी प्रमाण देना आवश्यक होगा।

इससे यह साबित हो कि वह जमीन उसकी है। अगर जमीन से संबंधित कोई कागजात नहीं है तो लोगों को सर्वे कराने से पहले अपनी जमीन के कागजी प्रमाण जुटा लेने चाहिए।

छोटी सी भूल पड़ सकती है भारी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वंशावली के साथ साथ रैयत को खतियानी जमीन से सबंधित प्रमाण पत्र के अलावे खुद की घोषणापत्र देने की आवश्यकता है। जिससे जमीन के सही हिस्सेदार की भूमि का सर्वे हो सके।

सीओ राहुल ने बताया कि सर्वेक्षण कर्मियों को भूमि संबंधित कागजात मांगने पर रैयती किसान अपना दस्तावेज निश्चित रूप से दिखाएं।

यह भी पढ़ें-

भागलपुर में बाढ़ का कहर, NH 80 डायवर्जन टूटा, कहलगांव से संपर्क कटा

बिहार भर में 500 से अधिक हथियार अवैध, पटना में सबसे अधिक मामले; 27 जिलों के DM को भेजा गया पत्र

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर