जीतनराम मांझी का PM मोदी पर हमला और BJP की चुप्पी, जानिए बिहार की सत्ता की यह इनसाइड स्टोरी
कोरोनावायरस वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को लेकर हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी के हमले पर बिहार बीजेपी चुप है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मांझी को लेकर बीजेपी की इस चुप्पी के कारण जानिए इस इनसाइड स्टोरी में।
By Amit AlokEdited By: Updated: Tue, 25 May 2021 09:01 AM (IST)
पटना, ऑनलाइन डेस्क। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ हैं। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसके बावजूद उन्होंने कोरोनावायरस संक्रमण (CoronaVirus Infection) व टीकाकरण (CoronaVirus Vaccination) के मामलों में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को निशाने पर लिया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल के सधी भाषा में जवाब को छोड़ दें तो बिहार बीजेपी के अन्य नेता इस मामले में चुप हैं। माना जा रहा है कि इस चुप्पी का एक बड़ा कारण बिहार की सत्ता में सीटों का गणित है। मांझी की गया सहित बिहार के मगध क्षेत्र में पकड़ है। वे बिहार एनडीए के बड़े दलित चेहरा भी माने जाते हैं।
पीएम को लेकर मांझी ने कही थी ये बात विदित हो कि जीतन राम मांझी ने कोरोनावायरस के वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को लेकर आपत्ति दर्ज की थी। उन्होंने कहा था कि जब वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर है तो कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी तस्वीर लगाई जानी चाहिए। जीतन राम मांझी के इस बयान ने विपक्ष को नया मुद्दा दे दिया। उूसरी ओर सत्ता पक्ष सन्नाटे में है।
बयान पर चुप हैं बिहार बीजेपी के बड़े नेताखास बात यह है कि प्रधानमंत्री पर छोटे से छोटे हमले का जवाब देती रही बीजेपी इस बार मांझी के बड़े हमले पर चुप है। बीजेपी के लिए हर छोटे-बड़े मुद्दों पर बयान देते रहे राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने मांझी पर एक भी बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, मांझी के बयान के बाद से अब तक उन्होंने करीब ढ़ाई दर्जन ट्वीट कर पंजाब से लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस तक को निशाने पर लिया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) ने भी बीते दो-तीन दिनों के दौरान आधे दर्जन से अधिक ट्वीट किए हैं, लेकिन मांझी पर चुप ही रहे हैं। बीजेपी के किसी और नेता ने भी मांझी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है।
बीजेपी प्रवक्ता ने सधे लहजे में दिया जवाब जीतन राम मांझी के बयान पर केवल बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने सधे लहजे में नाम लिए बिना केवल इतना कहा है कि सवाल खड़े करने वाले लोगों को अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए। देश में पहली बार किसी बीमारी से लड़ने के लिए इतनी जल्दी वैक्सीन तैयार किया गया है। इसके पीछे प्रधानमंत्री की समय पर मजबूत फैसले लेने की क्षमता है। प्रधानमंत्री की तस्वीर से आम लोगों का वैक्सीन पर भरोसा बढ़ा है।
यह भी पढ़ें- गया के सांसद बोले-सीएम का फोटो रहता तो खुशी होती, मांझी की समधन ने कहा-हम कुछ नही बोलेंगेकहीं ये तो नहीं बीजेपी की चुप्पी का कारण? सवाल यह है कि बीजेपी के इस नरम रुख का कारण क्या है? राजनीतिक प्रेक्षक बताते हैं कि बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं काे लेकर बीजेपी बैकफुट पर है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बीजेपी से ही हैं। केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है। ऐसे में बीजेपी मांझी के बयान पर हमलावर होकर विपक्ष को एक मुद्दा थमा देना नहीं देना चाहती है। बीजेपी की चुप्पी का अर्थ बिहार एनडीए के सीटों के गणित में भी छिपा है। बिहार में एनडीए को बहुमत के लिए 122 विधायक चाहिए। फिलहाल एनडीए के पास 125 विधायक हैं, जिनमें मांझी की पार्टी के चार शामिल हैं। जीतन राम मांझी की बिहार के गया सहित मगध क्षेत्र में पकड़ है। वे बिहार एनडीए में एक बड़े दलित चेहरा भी माने जाते हैं। ऐसे में फिलहाल उनकी नाराजगी घातक हो सकती है।
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