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सासाराम में सोन नदी के बाढ़ से निपटने बोट तो आ गए,मगर बड़ा प्रश्‍न यह कि इसे चलाएगा कौन

हर साल बाढ़ से नौहट्टा रोहतास डेहरी नासरीगंज प्रखंड के कई तटवर्ती गांवों में बाढ़ आता है। बाढ़ की आपदा से निबटने को सीओ की उपस्थिति में चार में से दो बोट का ट्रायल किया गया। मगर इन्‍हें चलाने के लिए सरकारी चालक एवं गोताखोर नहीं हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Mon, 05 Jul 2021 08:03 AM (IST)
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चालक और गोताखोर नहीं होने से कई वर्षों से बेकार पड़े थे बोट, सांकेतिक तस्‍वीर ।
डेहरी आनसोन (रोहतास), संवाद सहयोगी। अनुमंडल क्षेत्र में सोन में आने बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए बोट का रविवार को सोन मुख्य कैनाल में ट्रायल किया गया। अनुमंडल क्षेत्र में बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए कई वर्ष पहले चार बोट मंगवाए गए थे, जिन्हे अनुमंडल कार्यालय परिसर में रखा गया था। विकट परिस्थिति में बोट को सोन नदी में उतार कर बाढ़ से निपटा जाएगा, परंतु बोट के चालक एवं गोताखोर नहीं होने से इसका इस्तेमाल नहीं हुआ। कुछ तो जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं।

ऐसे में कैसे चलेगा बचाव व राहत कार्य

इन मोटर बोट को चलाने के लिए एक चालक भी नहीं है। साथ ही वोट पर तैनात रहने वाले एक भी प्रशिक्षित गोताखोर भी नहीं है। ऐसी स्थिति में उत्पन्न संकट में मोटर बोट के रहते बचाव कार्य नहीं चलाया जा सकता। क्योंकि अभी तक मात्र दो मोटर बोट को ठीक कराया गया है, जिसे आज हदहदवा पुल के समीप नहर में अंचलाधिकारी अनामिका कुमारी की उपस्थित में दो मोटर बोट को ट्रायल के लिए उतारा गया। अनुमंडल प्रशासन के लिए मुश्किल भरा काम यह है कि इसे ठीक तो करा लिया गया, परंतु बाढ़ के समय सोन नदी में इसे चलाएगा कौन? अंचलाधिकारी की माने तो जो भी तैयारी है, उससे अनुमंडल प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।

हर साल बाढ़ से पूर्ण और आंशिक रूप से प्रभावित होने वाले गांवों में नौहट्टा, रोहतास, डेहरी, नासरीगंज प्रखंड के कई तटवर्ती गांव शामिल है। इस संबंध में अंचलाधिकारी अनामिका कुमारी ने बताया कि सोन नदी में बाढ़ को देखते हुए और इससे निपटने के लिए दो मोटर बोट को आज मरम्मत करवाकर नहर में ट्रायल के लिए उतारा गया। जो पूरी तरह से कामयाब रहा अब इसे आपदा के वक्त बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्राइवेट चालक एवं गोताखोर को रखकर उतारा जाएगा।

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