Chhath Puja 2022: रबर डैम बनने से छठ व्रती फल्गु के लबालब पानी में भगवान भास्कर को देंगे अर्घ्य
फल्गु नदी में गयाजी रबर डैम का निर्माण होने से संगत घाट से लेकर केन्दुई घाट तक पानी की कमी नहीं है। अर्घ्य देने के लिए संगत घाटदेवघाट गजाधर घाट सीताकुंड झारखंडे महादेव घाट एवं केन्दुई घाट पर डैम का निर्माण होने से पर्याप्त मात्रा में पानी है।
देवघाट पर तैयारी जोरों पर
रबर डैम के पास स्थित देवघाट और गजाधार घाट पर छठ पर्व को लेकर तैयारी जोरों पर चल रही है। जहां करीब 30 से 35 हजार व्रती अर्घ्य दे सकेंगे। घाटों के सीढ़ियों की सफाई के साथ पानी को भी सफाई नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। घाटों की सफाई में 15 सफाईकर्मी लगे हुए है। जो दो पाली में सफाई कर रहे है। वहीं घाट पर दस चेंजिंग रूम बना है। घाट छठ व्रतियों को पूरा ख्याल जिला प्रशासन और नगर निगम रखेगा।
नदी में किया जा रहा बैरिकेडिंग
रबर डैम का निर्माण होने से सीताकुंड के पास नदी में काफी पानी है। छठ व्रतियों को अधिक पानी जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग नदी में किया गया है। जिससे किसी तरह के घटना नहीं घटे। वहीं घाट की साफ-सफाई किया जा रहा है। सीताकुंड घाट पर करीब 20 हजार व्रती को अर्घ्य देने क्षमता है। पर्याप्त मात्रा में पानी रहने के कारण घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगेगी। घाट पर चेजिंग रूम का निर्माण किया जा रहा है।
घाट की नहीं हुई सफाई
शहर के दक्षिण क्षेत्र में स्थित झारखंडे महादेव घाट की साफ-सफाई काम अबतक नहीं किया गया है। डैम बनने से घाट पर पानी की कमी नहीं है। लेकिन नहीं होने के कारण पानी है। विकास कुमार सिन्हा ने कहा कि एक दिन पर घाट का सफाई नहीं किया गया है। जिससे अर्घ्य देने में व्रतियों के काफी परेशानी होगी। यही हाल पालिटेक्निक घाट का है। जहां साफ-सफाई का नामोनिशान तक नहीं है।
वीआईपी घाट पर पसरा है कचरा
केंदुई घाट को लोग वीआईपी घाट कहते हैं। क्योंकि अधिकांश छठ व्रती अपने वाहन से घाट तक पहुंचते है। लेकिन अभी तक घाट की सफाई नहीं हुई है। घाट पर कचरा पसरा हुआ है। वही घाट पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर मकान बना लिया है। जिससे छठ व्रतियों को नदी में आने-जाने में परेशानी होगी।