Bihar: बदमाशों ने बोधगया में एक शख्स की पीट-पीटकर बेरहमी से की हत्या, गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर किया हंगामा
बिहार के गया में टनकुप्पा थाना क्षेत्र के रहने वाले 42 साल के जयेंद्र ठाकुर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद अपराधियों ने शव को बोधगया थाना क्षेत्र के नामा गांव स्थित एक आहर में फेंक दिया। जयेंद्र के शरीर पर हमले के कई निशान मिले हैं। उसकी आंख से भी खून निकल रहा था। हत्या किसने और क्यों की इसका अभीतक पता नहीं चल पाया है।
संवाद सूत्र, फतेहपुर: बिहार के गया में टनकुप्पा थाना क्षेत्र के मखदुमपुर के रहने वाले 42 साल के जयेंद्र ठाकुर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। जयेंद्र की हत्या के बाद अज्ञात अपराधियों ने शव को बोधगया
थाना क्षेत्र के नामा गांव स्थित एक आहर में फेंक दिया गया। जयेंद्र का शव सोमवार को बरामद किया गया।
जानकारी के मुताबिक, जयेंद्र रविवार को अपनी फुआ को घर पहुंचाने बोधगया गए थे। फुआ को पहुंचाकर घर लौटते वक्त रास्ते में बदमाशों ने
पीट-पीटकर हत्या कर दी और शव को आहर में फेंक दिया।
जयेंद्र के शरीर पर हमले के कई निशान मिले हैं। उसकी आंख से भी खून निकल रहा था।
श्राद्ध में शामिल होने गया था जयेंद्र
जयेंद्र के परिजनों ने बताया कि जयेंद्र बोधगया में एक स्कूल में खाना पहुंचाने का काम करता था। वह एक श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने एक रिश्तेदार के यहां आया था। रविवार को श्राद्ध कार्य का अंतिम क्रिया पीपल में पानी देकर दोपहर में घर से फुआ को पहुंचाने निकला था। हालांकि काफी देर बाद भी वह वापस नहीं लौटा, तो स्वजनों ने उसकी तलाश शुरू की।
आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क को किया जाम
घटना की जानकारी मिलने पर स्वजन घटनास्थल पर पहुंचकर बोधगया पुलिस के समक्ष शव का पहचान की। हत्या की जानकारी मिलते से आक्रोशित स्वजनों और ग्रामीणों ने करियादपुर-गया रोड को जाम कर हंगामा करने लगे। काफी मशक्कत के बाद
पुलिस ने किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर सड़क को जाम मुक्त कराया। पुलिस ने जयेंद्र के
शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा दिया है।
क्यों की गई जयेंद्र की हत्या
जयेंद्र के घरवालों ने बताया फुआ को पहुंचाकर शाम तक घर लौटने की बात कह कर गया था। काफी देर होने के बाद भी जब वह घर नहीं लौटा, तो स्वजनों के बीच चिंता बढ़ने लगी थी। जबकि फुआ के घर से जयेंद्र को वापस लौटने की बात कही गई। जयेंद्र का मोबाइल बंद आ रहा था।
हत्या किसने की इसका अभी पता नहीं चल पाया है। जयेंद्र को गांव घर मे किसी से कोई दुश्मनी या लड़ाई झगड़ा नहीं था। जयेंद्र काफी सरल एवं सीधा स्वभाव का था।