Dalai Lama : दलाई लामा ने चीन के लिए की प्रार्थना, अल्पसंख्यकों की समस्याओं पर बोले- मां की सीख सहेज कर रखना चाहिए
Dalai Lama बिहार के बोधगया में नए साल के पहले दिन सोमवार को दलाई लामा ने चीन के प्रति नरम रुख दिखाई दिया। उन्होंने वहां के लोगों के लिए प्रार्थना भी की। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने अल्पसंख्यकों की समस्याओं का उल्लेख किया। उन्होंने समस्याओं के निदान के लिए अपनी मां की सीख पर अमल करने की नसीहत दी।
जागरण संवाददाता, बोधगया। वैश्विक स्तर पर अतीत और वर्तमान में घटित घटनाओं से हमें सीख लेने की जरूरत है। धर्म की बात व्यक्तिगत है, लेकिन मनुष्य होने के नाते हम सभी एक हैं। मैं भी तिब्बत के आमदो क्षेत्र से आया हूं। लेकिन यह विचार मेरे पास नहीं है कि मैं वहां से हूं। हमें लगता है कि हम विश्व के हैं और विश्व के लोग हमारे हैं।
नव वर्ष के अवसर पर अतीत को भूलकर नई भावना के साथ रहने का संकल्प लें। चीन में बहुत जगह पर बर्फबारी और भीषण बारिश के कारण लोगों के साथ कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। हम सभी मनुष्य होने के नाते उनकी समस्या के निदान के लिए यहां प्रार्थना करें।
क्योंकि हम सभी धार्मिक व्यक्ति हैं। उक्त बातें सोमवार को धर्मगुरु दलाई लामा ने कालचक्र मैदान पर आयोजित दीर्घायु प्रार्थना सभा में अपने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं। इसके पहले बौद्ध लामाओं ने सूत्रपाठ किया।
कालचक्र मैदान में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के दृघायू सभा में शामिल श्रद्धालु।
अल्पसंख्यकों की समस्याएं बढ़ रहीं : दलाई लामा
उन्होंने कहा कि परहित करना ही मानव जीवन का उद्देश्य है। रूस सहित विश्व के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र के कई देशों में अल्पसंख्यकों की समस्याएं बढ़ती जा रही है। इसका कारण मैं और पर की भावना है, जो जटिल है। यहां आए लोग विभिन्न पंथ को मानने वाले हैं और खुशी के साथ आए हैं, अच्छी भावना के साथ आए हैं।इसलिए मैं कहता हूं कि बचपन में जो मां से सीख मिलती है, उसे सहेज कर रखना चाहिए। उस सीख में जाति, धर्म, वर्ण, ऊंच-नीच का भाव नहीं होता।
कार्यक्रम के दौरान आशीर्वाद देते दलाई लामा।उन्होंने कहा कि आप हमारे प्रति काफी स्नेह रखते हैं। आप सभी ने एक विचार बनाकर मेरे दीर्घायु के लिए प्रार्थना की। मैंने दुनिया में बहुत से अच्छे कार्य किए हैं, जिनकी प्रशंसा आज भी सुनने को मिलती है।वो किया गया कार्य का फलाफल लोगों को कई वर्षों तक दिखेगा। धर्मगुरु को आयोजन समिति की ओर से मंडल समर्पित किया गया। इसके अलावा धर्मगुरु को बौद्ध प्रतिमा आदि श्रद्धालुओं ने भेंट किया।
दलाई लामा के समक्ष मुखौटा नृत्य करते कलाकार।
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