Bihar News: पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए रूस से आए श्रद्धालु, मोक्षधाम गया में किया पिंडदान
बिहार के गया में अपने पितरों की आत्मा की शांति व उनके माेक्ष के लिए रूस से 50 श्रद्धालुओं का एक जत्था पहुंचा है। उन्होंने वहां विधिवत कर्मकांड किया।
By Amit AlokEdited By: Updated: Wed, 12 Feb 2020 11:31 PM (IST)
गया, जेएनएन। गया को मोक्षधाम के नाम से भी जाना जाता है। यहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। देश के साथ ही विदेशों से भी श्रद्धालु पितरों की मोक्ष की कामना के लिए गया पहुंचते रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को रूस से 50 श्रद्धालु गया पहुंचे। उन्होंने यहां के विष्णुपद मंदिर स्थित देवघाट पर पिंडदान किया। गयापाल पुरोहित मुनीलाल कटरियार ने वैदिक मंत्रोच्चरण के साथ कर्मकांड कराया।
भारतीय वेषभूषा में विधिवत किया कर्मकांड दल का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन मंदिर के जगदीश श्याम दास ने कहा कि पिंडदान के लिए रूस से श्रद्धालु मंगलवार को पहुंचे थे। उन्होंने भारतीय वेषभूषा में विधिवत कर्मकांड किया तथा विष्णुपद मंदिर स्थित गर्भगृह में भगवान श्रीहरि के चरणचिह्न पर पिंडों को अर्पित किया।
भारत को बताया धर्म व अध्यात्म की धरती
श्रद्धालु ऐलिना कहती हैं, ''भारत धर्म और अध्यात्म की धरती है। गया आकर शांति की अनुभूति हो रही है। मैं अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने आई हूं।'' एक अन्य श्रद्धालु दारिया ने कहा कि वे अपने परिवार और देश में शांति के लिए पिंडदान कर रही हैं। उन्होंने गया में पूर्वजों को लेकर होने वाले अनुष्ठान के बारे में सुन रखा था।
कर्मकांड के बाद पैदल गए इस्कॉन मंदिर
कर्मकांड समाप्त होने के बाद विदेशी श्रद्धालु विष्णुपद मंदिर से गांधी मैदान स्थित इस्कॉन मंदिर तक पैदल पहुंचे। श्रद्धालु हरिनाम कीर्तन करते हुए शहर के चंदाचौरा, राजेंद्र आश्रम, कचहरी, सिविल लाइन, राय काशीनाथ मोड़ होते हुए मंदिर पहुंचे। कीर्तन के साथ हरि नाम गाते हुए नृत्य भी कर रहे थे।विदेशी श्रद्धालुओं का किया भव्य स्वागत गया में इन विदेशी श्रद्धालुओं को देखने के लिए सड़क किनारे लोगों की भीड़ लगी थी। लोगों इस नजारे को मोबाइल में कैद करते रहे। श्रद्धालुओं का मंदिर में भव्य स्वागत किया गया। जगदीश श्याम दास ने कहा कि एक दिवसीय कर्मकांड करने के बाद गुरुवार को सुबह में श्रद्धालु वाराणसी के लौट जाएंगे।
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