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बिहार में नहीं है रोजगार, पेट की खातिर दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे मजदूर; ट्रेनों में नहीं मिल रही जगह

Bihar News बिहार में फैक्‍ट्री व रोजगार का अभाव है इसलिए मजदूर मजदूरी या नौकरी के लिए अन्‍य राज्‍यों में पलायन कर रहे हैं। यह कहना है कि महाबोधि एक्‍सप्रेस में सवार उन लोगों का जो काम की खातिर पलायन कर रहे हैं। यह संख्‍या इतनी बड़ी है कि ट्रेन में पांव रखने तक की जगह नहीं बची रहती है।

By subhash kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 08 May 2024 12:57 PM (IST)
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गया जंक्शन से नई दिल्ली को जा रही महाबोधि एक्स.के सामान्य बोगी में यात्रियों को बैठने की जगह नहीं।
जागरण संवाददाता, गया। गया जंक्शन से नई दिल्ली के अलावे अन्य महानगरों के लिए गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा जिले के अलावे झारखंड के चतरा जिले के हजारों लोग मजदूरी और नौकरी करने के लिए हर रोज पलायन कर रहे है।

रोजगार के अभाव में दूसरे प्रदेश जा रहे मजदूर

मंगलवार को गया से नई दिल्ली के लिए खुलने वाली महाबोधि एक्सप्रेस के अलावे अन्य एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों से रोजगार के अभाव में दूसरे प्रदेश जा रहे है।

गया जिले अलावे मगध के अन्य जिलों में मजदूरों को समुचित रोजगार नहीं मिलने से मजदूरों की टोली रोजगार की तलाश में नई दिल्ली व हरियाणा तथा अन्य महानगरों को पलायन कर रहे हैं।

समर स्‍पेशल ट्रेन के बावजूद बढ़ रही भीड़

रेल प्रशासन व आरपीएफ को हर रोज महाबोधि एक्सप्रेस में लाइन में लगाकर सामान्य बोगी में रेल यात्रियों को चढ़ा रहे हैं। इसके बावजूद भी ट्रेनों के अंदर बैठने की जगह नहीं मिल पा रहा है। रेलवे की ओर से समर स्पेशल ट्रेन भी चलाया जा रहा है।

इसके बावजूद हर दिन भीड़ बढ़ ही रही है। रेल प्रशासन भी समझ पा रहे हैं कि इतना भीड़ कैसे बढ़ गई है। भीड़ को नियंत्रण करने के आरपीएफ की टीम हर रोज ट्रेनों के परिचालन के समय पर प्लेटफार्म पर यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा को लेकर तैनात रहते हैं।

फैक्ट्री नहीं रहने कारण लोग जा रहे दूसरे प्रदेश

गया जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर तीन पर महाबोधि एक्सप्रेस में जैसे-तैसे सामान्य बोगी के गेट खड़े बाराचट्टी निवासी सोनू कुमार का कहना है कि बिहार में नौकरी करने के लिए कोई फैक्ट्री और न ही कोई रोजगार है। मजबूरी में अपने परिवार से दूर होकर नई दिल्ली से हरियाणा जा रहे हैं।

इसी प्रकार औरंगाबाद जिले के मदनपुर निवासी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि 15 सालों से दिल्ली में एक कंपनी में मजदूरी करते है। कुछ दिन पहले अपने घर शादी में आए हुए थे। अब अपने काम पर लौट रहे हैं।

वहीं, गया के बड़की पइन ननौक गांव निवासी धीरज कुमार ने कहा कि गया प्रतिदिन काम नहीं मिल पाता है। यहां मजदूरी काफी कम है। इस कारण नई दिल्ली में काम खोजने जा रहे हैं। अगर काम मिल गया तो वहीं रह कर मजदूरी करेंगे।

गया के फतेहपुर पहाड़पुर निवासी राजू कुमार ने बताया कि पलायन करने का कारण है कि रोजगार के अभाव है और रोज काम नहीं मिल पाता है। दिल्ली में कई कंपनी है। उसमें काम आसानी से मिल जाता है। इस कारण दूसरे प्रदेश जा रहे है।

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