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प्लास्टिक और थर्मोकोल से नष्ट हो रही खेत की उर्वरा शक्ति

गया। प्लास्टिक और थर्मोकोल से बनी वस्तु पर सरकार ने एक जुलाई से ही प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण के साथ प्लास्टिक और थर्मोकोल खेतों में जहर घोल रहा है। आधुनिक युग में सुविधाओं के विस्तार ने सबसे अधिक पर्यावरण को ही चोट पहुंचाई है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 03 Jul 2022 10:53 PM (IST)
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प्लास्टिक और थर्मोकोल से नष्ट हो रही खेत की उर्वरा शक्ति

गया। प्लास्टिक और थर्मोकोल से बनी वस्तु पर सरकार ने एक जुलाई से ही प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण के साथ प्लास्टिक और थर्मोकोल खेतों में जहर घोल रहा है। आधुनिक युग में सुविधाओं के विस्तार ने सबसे अधिक पर्यावरण को ही चोट पहुंचाई है। लोगों की सुविधा के लिए इजाद किया गया प्लास्टिक आज मानव जाति के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है। नष्ट नहीं होने के कारण यह भूमि की उर्वरा क्षमता को खत्म कर रहा है और भूजल स्तर को भी घटा रहा है। प्लास्टिक मिट्टी में दबता चला जाता है। मिट्टी के दबने से यह नष्ट नहीं होता है, लेकिन मिट्टी का उर्वरा क्षमता को समाप्त कर देता है। ऐसे में समय रहते लोग सचेत नहीं हुए तो उपजाऊ जमीन बंजर हो सकता है। शहर के मानपुर कृषि केंद्र के वैज्ञानिक डा. राजीव सिंह ने कहा कि सीधे तौर पर प्लास्टिक और थर्मोकोल मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को नष्ट कर रहा है। कई जगहों पर प्लास्टिक को जला दिया जाता है। जलने से बाद इससे वायु प्रदूषण तो होता ही है, लेकिन जहां जलाया जाता है वहां की मिट्टी भी प्रदूषित हो जाती है। मिट्टी के अंदर केंचुआ, फफूंद जैसे कई मित्र कीड़े होते है, जो जलकर मर जाते है। साथ ही वर्षा जल और हवा सोखने की भी क्षमता घट जाती है।

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हमारे जीवन में दैनिक उपयोग की वस्तु बनी प्लास्टिक कृषि के साथ पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। उपयोग के बाद फेंका गया प्लास्टिक कचरों के माध्यम से खेतों में आ रहा है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट कर रहा है। प्लास्टिक से उत्सर्जित हानिकारक रसायन मिट्टी एवं पानी को प्रदूषित कर रहा है। जिनसे फसलों पर काफी दुष्प्रभाव पड़ रहा और उत्पादन भी कम हो रहा है।

विनोद कुमार, किसान, टिकारी

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जब से ग्रामीण क्षेत्र में प्लास्टिक का प्रचलन आया है तो खेती करने में समस्या बढ़ी है। घरों में अधिकांश सामान प्लास्टिक में आने लगा। साफ-सफाई कर इसे घर के गोबर पर फेंक देते हैं। खेत में प्लास्टिक जाने से इसके कुप्रभाव खेत में लगी फसलों पर पड़ रहा है।

अर्जुन यादव, किसान, बाराचट्टी

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प्लास्टिक खेतों पर जहर घोला जा रहा है। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है। खेतों की मिट्टी के उपजाऊ क्षमता को नष्ट कर देता है। सरकार ने प्लास्टिक और थर्मोकोल पर प्रतिबंध लगाकर काफी सराहनीय काम किया है। घरों में अब गोबर के साथ प्लास्टिक नहीं जाएगा।

संतोष सिंह, किसान, बोधगया

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प्लास्टिक के साथ थर्मोकोल भी खेतों के लिए काफी नुकसान देय है। थर्मोकोल हवा के साथ खेतों में पहुंच जाता है। खेतों को प्लास्टिक और थर्मोकोल बंजर बना देता है, क्योंकि मिट्टी में दबकर भी नष्ट नहीं होता है। प्लास्टिक पर प्रतिबंध सरकार को और पहले लगाना चाहिए था।

मनोज कुमार, किसान, अतरी

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