Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Flood: बोधगया में बाढ़ का पानी तो कम हुआ, लेकिन मुश्किलें नहीं; लोग बदतर जिंदगी जीने को मजबूर

    बोधगया में बाढ़ का पानी घटने के बाद तबाही का मंजर सामने आया है। फसलें सड़ गई हैं सड़कें टूट गई हैं और गांव में दुर्गंध फैल रही है। ग्रामीण बीमारियों को लेकर चिंतित हैं। कई घर गिर गए हैं और लोगों के राशन-पानी बर्बाद हो गए हैं। प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है।

    By Santosh Kumar Edited By: Krishna Parihar Updated: Sun, 24 Aug 2025 05:42 PM (IST)
    Hero Image
    बोधगया में बाढ़ का पानी तो कम हुआ लेकिन मुश्किलें नहीं,

    संवाद सूत्र, बोधगया। बोधगया के बाढ़ प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे अब बाढ़ का पानी कम होने लगा है, लेकिन लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। जैसे-जैसे पानी घट रहा है, तबाही का मंजर सामने आ रहा है। पानी के कारण फसल सड़ने, बाढ़ के गंदे पानी गांव में प्रवेश करने के बाद अब गांव में अलग ही दुर्गंध आ रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाढ़ क्षेत्र के ग्रामीण अब किसी भयावह बीमारी के प्रकोप को लेकर चिंतित हैं, उन्हें डर सता रहा है कि गांव में किसी प्रकार की बीमारी उत्पन्न न हो जाए, हालांकि अभी तक ऐसा हुआ नहीं है। बाढ़ के पानी ने किसानों के खेतों में लगी फसल को बर्बाद कर दिया है, इसके अलावा बिजली के पोल और तार भी क्षतिग्रस्त हैं।

    बाढ़ के पानी के दबाव के कारण पूर्वी क्षेत्र की अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक नुकसान बतसपुर, छाछ, गंगा बीघा, मोराटाल, बसाढ़ी, सीलौंजा, अजा टोला घुंघरिया की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

    सड़क पर बड़ी-बड़ी गड्ढे हो गए हैं, ग्रामीणों ने बांस और कपड़े के माध्यम से क्षतिग्रस्त सड़कों को बैरिकेडिंग कर दिया है, ताकि कोई अज्ञात व्यक्ति उस गड्ढे में न गिर पाए। बतसपुर की मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण लगभग दो दर्जन गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ है।

    अब उक्त गांव के ग्रामीण 20 किलोमीटर की अधिक दूरी तय कर गया शहर में पहुंचेंगे। लेकिन गंगा बीघा गांव के लोगों का कोई अन्य मार्ग नहीं है। क्या-क्या हुआ नुकसान बाढ़ के पानी के कारण बतसपुर, छाछ और घुंघरिया के लगभग 20 मकान गिर चुके हैं।

    इन सभी गांववालों के घरों में रखे राशन, कपड़े, कागजात बर्बाद हो गए हैं। कुछ लोगों के मवेशी और बकरियां की मौत हो गई है। बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां अभी खत्म नहीं हुई हैं, बाढ़ पीड़ित बेबस और लाचार हैं। छाछ गांव के लोग दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी खरीदने शहर नहीं जा पा रहे हैं।   किसानों की फसल बर्बाद हो गई है।

    जल्द ही कराई जाएगी सभी सड़कों की मरम्मत

    बोधगया प्रखंड के अंचलाधिकारी महेश कुमार ने बताया कि रविवार को मैं बाढ़ क्षेत्रों का जायजा लिया हूं, पहले की तुलना में सब नॉर्मल हो गया है। बाढ़ का पानी भी कम हो गया है। घुंघरिया के जो लोग स्कूल में ठहरे थे, वे सब अपने-अपने घर चले गए हैं।

    उन्होंने कहा कि जितनी जगह सड़क टूटी है, उसका आरसीडी विभाग के द्वारा सर्वे किया जा रहा है। बहुत जल्द ही सभी सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। महेश कुमार, अंचलाधिकारी, बोधगया प्रखंड। बाढ़ क्षेत्रों में कराया जा रहा सर्वे बाढ़ के प्रशासन के द्वारा सामूहिक रसोई चलाया जा रहा था, हालांकि, रसोई में अब न के बराबर लोग आ रहे हैं, सब अपने-अपने घर चले गए हैं।

    पानी पूरी तरह कम हो गया है। बाढ़ क्षेत्रों में सर्वे कराया जा रहा है, जितने भी किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। इसके अलावा बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत के लिए आरसीडी विभाग सर्वे कर रहा है।

    उन्होंने कहा कि नए डैम निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो गई है। बरसात के बाद बहुत जल्द नए डैम में काम शुरू किया जाएगा। किसलय श्रीवास्तव, सदर एसडीओ।