Bihar Flood: बोधगया में बाढ़ का पानी तो कम हुआ, लेकिन मुश्किलें नहीं; लोग बदतर जिंदगी जीने को मजबूर
बोधगया में बाढ़ का पानी घटने के बाद तबाही का मंजर सामने आया है। फसलें सड़ गई हैं सड़कें टूट गई हैं और गांव में दुर्गंध फैल रही है। ग्रामीण बीमारियों को लेकर चिंतित हैं। कई घर गिर गए हैं और लोगों के राशन-पानी बर्बाद हो गए हैं। प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है।
संवाद सूत्र, बोधगया। बोधगया के बाढ़ प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे अब बाढ़ का पानी कम होने लगा है, लेकिन लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। जैसे-जैसे पानी घट रहा है, तबाही का मंजर सामने आ रहा है। पानी के कारण फसल सड़ने, बाढ़ के गंदे पानी गांव में प्रवेश करने के बाद अब गांव में अलग ही दुर्गंध आ रही है।
बाढ़ क्षेत्र के ग्रामीण अब किसी भयावह बीमारी के प्रकोप को लेकर चिंतित हैं, उन्हें डर सता रहा है कि गांव में किसी प्रकार की बीमारी उत्पन्न न हो जाए, हालांकि अभी तक ऐसा हुआ नहीं है। बाढ़ के पानी ने किसानों के खेतों में लगी फसल को बर्बाद कर दिया है, इसके अलावा बिजली के पोल और तार भी क्षतिग्रस्त हैं।
बाढ़ के पानी के दबाव के कारण पूर्वी क्षेत्र की अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक नुकसान बतसपुर, छाछ, गंगा बीघा, मोराटाल, बसाढ़ी, सीलौंजा, अजा टोला घुंघरिया की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
सड़क पर बड़ी-बड़ी गड्ढे हो गए हैं, ग्रामीणों ने बांस और कपड़े के माध्यम से क्षतिग्रस्त सड़कों को बैरिकेडिंग कर दिया है, ताकि कोई अज्ञात व्यक्ति उस गड्ढे में न गिर पाए। बतसपुर की मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण लगभग दो दर्जन गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ है।
अब उक्त गांव के ग्रामीण 20 किलोमीटर की अधिक दूरी तय कर गया शहर में पहुंचेंगे। लेकिन गंगा बीघा गांव के लोगों का कोई अन्य मार्ग नहीं है।
जल्द ही कराई जाएगी सभी सड़कों की मरम्मत
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।