Gaya: बिहार की प्रगति और शांति के लिए प्रार्थना करेंगे दलाई लामा, मुख्यमंत्री ने की अपील
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को बोधगया में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने पहुंचे। गया हवाईअड्डा से उनका काफिला तिब्बत मंदिर के लिए रवाना हुआ। तिब्बत मंदिर में दलाई लामा से मिलकर मुख्यमंत्री ने उनके बोधगया आगमन पर स्वागत किया।
जागरण संवाददाता, बोधगया: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को बोधगया में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने पहुंचे। गया हवाईअड्डा से उनका काफिला तिब्बत मंदिर के लिए रवाना हुआ। तिब्बत मंदिर में दलाई लामा से मिलकर मुख्यमंत्री ने उनके बोधगया आगमन पर स्वागत किया। कहा कि आप केवल पर्यटन सीजन में ही नहीं, जब इच्छा हो, पूजा-अर्चना करने यहां आएं।
वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के उद्घाटन को आएंगे दलाई लामा
मुख्यमंत्री ने दलाई लामा से बिहार में शांति और प्रगति के लिए प्रार्थना करने की अपील की। स्मरण कराया कि पटना के बुद्ध स्मृति पार्क का उद्घाटन उनके हाथों हुआ था। आग्रह यह कि बुद्ध स्मृति पार्क में स्थापित करुणा स्तूप के समक्ष आकर वे एक बार पूजा-अर्चना कर लें। साथ ही वैशाली में बन रहे बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का उद्घाटन करने का आग्रह भी किया, जिसे दलाई लामा ने स्वीकार भी कर लिया। दलाई लामा ने कहा कि बिहार से उनका लगाव है, क्योंकि यह भगवान बुद्ध की धरती है।
सीएम नीतीश ने महाबोधि मंदिर जाकर की पूजा-अर्चना
दलाई लामा से मिलने के बाद मुख्यमंत्री महाबोधि मंदिर गए। वहां भगवान बुद्ध की पूजा कर विकास कार्यों का भी अवलोकन किए। उपस्थित अधिकारियों को बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कार्यालय भवन का निर्माण यथाशीघ्र पूरा कराने को कहा। मंदिर से निकलने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बोधगया में लगभग एक लाख श्रद्धालु आए हुए हैं। उचित व्यवस्था की गई है। कोरोना को देखते हुए निगरानी रखी जा रही है। किसी को परेशानी नहीं हो, इसके लिए प्रशासन सजग है। कहा कि दलाई लामा से उनके पुराने संबंध हैं। उनके प्रति सम्मान का भाव है। मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी भी थे।
विश्व परमाणु बम रहित हो, सामूहिक विरोध जरूरी
तीन दिवसीय विशेष उपदेश कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को तिब्बतियों के 14वें धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि विश्व परमाणु बम से रहित होना चाहिए। परमाणु बम से युद्ध को रोकना संभव नहीं है। पूरे विश्व के लोगों को इसका सामूहिक रूप विरोध करना चाहिए। बम के इस्तेमाल से सभी जीवधारियों को कष्ट होता है। विदित हो कि बोधगया के कालचक्र मैदान में दलाई लामा के तीन दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम का शुक्रवार को दूसरा दिन था।