Gaya news: गया में सरकारी एंबुलेंस चालकों की मनमानी, जानिए मरीजों पर कैसे पड़ रही भारी
गया के सरकारी अस्पताल में एंबुलेंस चालकों की मनमानी का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में एंबुलेंस चालकों की मनमानी की वजह से मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस से दूसरे अस्पताल में ले जाना पड़ता है। इसका फायदा वे प्राइवेट एंबुलेंस वाले उठाते है। वहीं अस्पताल के पदाधिकारियों ने कहा कि प्राइवेट एंबुलेंस जबरदस्ती अस्पताल परिसर में अंदर आ जाते हैं।
By pradeep kumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Thu, 31 Aug 2023 08:11 PM (IST)
जागरण संवाददाता, गया: गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था काफी खराब है। यहां समय पर मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाती है।
हालांकि, मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल तक ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था है, लेकिन समय पर नहीं मिलने के कारण मरीज को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है।इसके लिए उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज परिसर में एक दर्जन से अधिक निजी एंबुलेंस हर समय मौजूद रहता है।
रोजाना 5-6 मरीजों को किया जाता रेफर
मगध मेडिकल कॉलेज में रोजाना इमरजेंसी वार्ड में करीब 130 मरीज इलाज कराने आते हैं। उनमें से पांच-छह मरीज प्रतिदिन दूसरे हॉस्पिटल रेफर किए जाते हैं, जिन्हें पटना या अन्य सरकारी हॉस्पिटल भेजा जाता है। उसके लिए सात सरकारी एंबुलेंस है। एंबुलेंस के लिए मरीज के परिजन जब कॉल करते तो आने में देर करते हैं।निजी एंबुलेंस वाले इसी का फायदा उठाते हैं। मरीज की जान बचाने के लिए मजबूरन प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है। यही हाल मरीज के मौत हो जाने पर होता है।
शव ले जाने के लिए भी तीन सरकारी एंबुलेंस अस्पताल में मौजूद है। इमरजेंसी वार्ड में रोजाना करीब छह-सात मरीजों की मौत इलाज के दौरान होती है। इसमें भी सरकारी एंबुलेंस नहीं मिल पाता है।
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