गया के सांसद बोले- यह उच्चस्तरीय मामला है लेकिन हमारे अभिभावक का फोटो रहता तो खुशी होती
कोरोना टीकाकरण के प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर को लेकर मचे बवाल के बीच गया के जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध रखी है। जदयू सांसद ने कहा कि यह उच्चस्तरीय मामला है। लेकिन उनके अभिभावक की तस्वीर भी रहती तो खुशी होती।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Wed, 26 May 2021 09:37 AM (IST)
गया, जागरण संवाददाता। कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Photo on Covid Vaccination Certificate) की तस्वीर को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और हम के सुप्रीमो जीतन राम मांझी Former (CM Jitan Ram Manjhi) की आपत्ति के बाद राजनीतिक गलियारे में एक नया विवाद जन्म ले चुका है। हालांकि राजग की मुख्य सहयोगी पार्टी भाजपा ने इसपर खुलकर कड़ा एतराज जाहिर नहीं किया है। अन्य नेता भी सधे बयान दे रहे हैं।
मांझी की समधन ने कहा-हमारे नेता का निर्णय सर्वोपरिपूर्व सीएम की समधन और गया के बाराचट्टी की विधायक ज्योति देवी ने इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी जी हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने जो भी सवाल उठाए हैं वह उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। पार्टी हित में कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं इस मामले में कुछ नहीं कह सकती हूं। वहींं वजीरगंंज के भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह भी इस मामले में कन्नी काट गए। उन्होंने कहा कि वे एक साधारण कार्यकर्ता मात्र हैंं।मांझी जी का बयान केंद्रीय स्तर का है। इसमें हम कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। हम सिर्फ जनता की सेवा में लगे हैं। जनसमस्याओं से संबंधित कार्य तक ही सीमित हैं ।
हमारे अभिभावक भी नजर आते तो खुशी होती वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तस्वीर को लेकर छिड़े बवाल के बीच गया के जदयू सांसद विजय कुमार मांझी ने स्पष्ट तौर पर तो कुछ नहीं कहा। कहा कि जहां तक वैक्सीन सर्टिफिकेट पर हमारे मुख्यमंत्री जी का फोटो लगना और नहीं लगने का सवाल है तो यह उच्च स्तरीय बात है। इस मामले में हमारे गार्जियन का ही निर्णय सर्वोपरि है। जहां तक मेरी राय की बात उठती है तो उस स्थिति में घर का हर सदस्य चाहता है कि हमारे गार्जियन का फोटो अगर हर जगह नजर आए इससे बड़ी खुशी हम लोग के लिए और क्या हो सकती है। इससे ज्यादा हम कुछ नहीं कह सकते है। कुल मिलाकर देखा जाए तो पूर्व सीएम की आपत्ति ने बिहार की राजनीति को गरमाहट जरूर दे दी है।
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