Gaya: गया का तिलकुट, गुरुआ में मशरूम उत्पादन, मानपुर का गमछा और अमृत सरोवर देख हर्षित हुए छह देशों के राजदूत
आकांक्षी जिले गया के भ्रमण पर आए हुए छह देशों के राजदूतों ने गया का परिभ्रमण किया। वेस्ट टू वेल्थ की सोच पर प्रारंभ किए गए मशरुम इकाई को देख राजदूत बहुत प्रभावित हुए। डेमा फतेहपुर में छह राजदूतों ने जल-जीवन-हरियाली के तहत बने अमृत सरोवर का परिभ्रमण किया।
मशरुम इकाई देख राजदूत प्रभावित
वेस्ट टू वेल्थ की सोच पर प्रारंभ किए गए मशरुम इकाई को देखकर और वहां उपस्थित आत्मा के महिला किसानों के समूह से विचार विर्मश कर राजदूत बहुत ही प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि मशरुम उत्पादन कर एक महिला 200 मशरुम बैग के माध्यम से आसानी से दो से तीन महीने में 20 हजार रुपये तक की शुद्ध आय प्राप्त कर रही है। इससे परिवार का जीवन यापन तो सरल हुआ ही उनके जीवन स्तर में भी सुधार देखने को मिला है।
तिलकुट का चखा स्वाद
मौके पर सुदामा महतो जिला कृषि पदाधिकारी गया, नीरज कुमार वर्मा उप परियोजना निदेशक आत्मा, ललन कुमार सुमन अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, नीमचक बथानी, विकास कुमार अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी शेरघाटी उपस्थित थे। इससे पहले गया की मोक्ष भूमि पर बिहार राज्य मिष्ठान विक्रेता संघ के अध्यक्ष लालजी प्रसाद ने मानपुर का गमछा देकर स्वागत किया। गया के टिकारी रोड में श्रीराम तिलकुट भंडार के तिल से बने तिलकुट का स्वाद चखा। मशरूम, गमछा और तिलकुट को देखकर काफी हर्षित हुए।
जल जीवन हरियाली से बने अमृत सरोवर के बारे में ली जानकारी संवाद सूत्र, खिजरसराय: प्रखण्ड क्षेत्र के होरमा पंचायत के डेमा फतेहपुर गांव में छह राजदूतों ने मंगलवार को जल जीवन हरियाली के तहत बने अमृत सरोवर का परिभ्रमण किया। जिसमे संतोष झा वेल्जियम, रवीश कुमार फिनलैंड, मनीष प्रभात उज्वेकिस्तान , अजनीष कुमार एस्टोनिया, बृजेन्द्र नवनीत जनेवा एवं अभिषेक सिंह वेनेजुएला देशों का राजदूत शामिल थे। डेमा फतेहपुर अमृत सरोवर पर राजदूतों को पहुंचने से वहां के ग्रामीण काफी खुशी देखी। राजदूतों का होरमा पंचायत के मुखिया उमेश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी पवन कुमार ठाकुर, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मेघा कुमारी, कार्यक्रम पदाधिकारी रजनीश शेखर, ने गुलदस्ता , माला एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किए।
धान के फसल की ली जानकारी
उन्होंने जानकारी दी कि समय पर तालाब का पानी का साफ-सफाई , पानी के आगमन और निकासी होने की जगह भी चाहिए। तालाब के मेड़ का सोलिग, तालाब के लिए सीढ़ी भी बनना चाहिए। सभी लोगों ने तालाब के चारों तरफ घुमकर देखा। ग्रामीणों से धान के लगे फसल के बारे में भी जानकारी ली। प्रति कट्ठा फसल कितना होता है और कीमत की भी जानकारी प्राप्त की। अमृत सरोवर की कुल राशि तेरह लाख 75 हजार है, जिसमें दस लाख चौरासी हजार की निकासी हुई है।