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Gaya News: गया में 10 साल बाद नहर का पानी पहुंचने से किसानों के चेहरे खिले; मिलने लगी सिचाई की सुविधा

Gaya News गया जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। जलसंसाधन विभाग के प्रयासों से दस साल बाद नहर का पानी उनके खेतों तक पहुंचने लगा है। यमुना नहर के जीर्णोद्धार से बेलागंज प्रखंड के साथ ही जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड के कई गांवों में सिंचाई की सुविधा मिलने लगी है। इस 25 किलोमीटर लंबी नहर से करीब 27 सौ हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा।

By sanjay kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 06:28 PM (IST)
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गया में खेतों में पहुंचा यमुना का पानी (जागरण)
जागरण संवाददाता, गया। Gaya News: जलसंसाधन विभाग के प्रयास से किसानों के खेतों में 10 वर्ष बाद नहर का पानी पहुंचने लगा है। इससे किसानों को चेहरे पर खुशी दिखी जा रहा है। विभाग द्वारा यमुने नहर का जीर्णोद्धार का काम किया है। इससे बेलागंज प्रखंड के अलावा जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड के कई गांवों में नहर का पानी पहुंचने लगा है।

मुख्य अभियंता प्रवेश सिंह एवं कार्यपालक अभियंता विकास कुमार ने कहा कि नहर बेलागंज प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव के यमुने नदी के पास निकली है। नदी में बीयर बांध का निमार्ण 1960 में किया गया था। लेकिन नहर का जीर्णोद्धार पूरी तरह से नहीं होने से किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच था।

नहर चालू होने से करीब 27 सौ हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का काम रहा है। नहर से सबसे अधिक बेलागंज प्रखंड के लक्ष्मीपुर, बेलहाड़ी, कोरमथु एवं पाई बिगहा पंचायत के अंतर्गत किसानों के हो रहा है। नहर का पानी सीधा खेतों में पहुंच रहा है।

25 किलोमीटर लंबा है नहर

नहर का निमार्ण लक्ष्मीपुर से लेकर मखदुमपुर प्रखंड क्षेत्र तक किया गया है। नहर के लंबाई 25 किलोमीटर है। वहीं चौड़ाई 15 से 20 फीट तक है। अधिक चौड़ा रहने से काफी मात्रा में पानी नहर में जा रहा है। नहर का जीर्णोद्धार करीब पांच करोड़ की राशि से किया गया है। नहर का पानी पूरा क्षेत्र को हरा-भरा करने का काम किया कर रहा है। नहर का पानी दूसरे जिला जहानाबाद के किसानों के लाभ पहुंच रहा है।

खेतों को पर्याप्त मात्रा में मिल रहा पानी

बेलहाड़ी गांव के किसान मुद्रिका सिंह का कहना है कि यमुने नहर से पानी आने इस वर्ष आने लगा है। पानी आने के कारण धान की रोपनी काफी बेहतर हुई है। नहर में पानी देखकर किसानों पूरी तरह से गदगद है। वहीं किसान दीनानाथ सिंह, बृजनंदन प्रसाद, नरेश पासवान आदि का कहना है कि काफी दिनों के बाद नहर में पानी दिखने को मिला है। सरकार द्वारा काफी सराहनीय कदम उठा गया है। नहर चालू होने से पानी का चिंता किसानों को समाप्त हो गया। नहर में पानी आने से खरीफ फसल का पैदा निश्चित हो गया है। खेतों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है।

यमुने नदी बीयर बांध का निर्माण 1960 में किया गया था। कुछ दूर तक नहर का भी निर्माण किया गया है। जिससे पर्याप्त मात्रा में पानी खेतों तक नहीं पहुंचता था। सिंचाई को देखते हुए अंतिम छोर तक नहर का जीर्णोद्धार कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचने का काम किया गया है।

राणा रणजीत सिंह, अधीक्षक अभियंता

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