Move to Jagran APP

Gaya news: पहली बार गयाजी रबर डैम पर अर्घ्य देने पहुंचे छठव्रती, जानिए आज गया में सूर्य-अस्त व कल उदय का समय

नहाय खाय के साथ छठ पर्व शुरू हुआ था छठ पर्व का दूसरा दिन खरना था। आज छठ महापर्व में शाम में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद अगले दिन प्रातः उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प पूरा किया जाएगा। जानिए सूर्य-अस्त व उदय का समय।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Updated: Sun, 30 Oct 2022 09:29 AM (IST)
Hero Image
छठ पूजा का अर्घ्य देते व्रती, जागरण आर्काइव

जागरण संवाददाता, गया: गया शहर के विष्णुपद के देवघाट पर स्थित गयाजी रबर डैम भी पहली बार छठ व्रत के मौके पर रोशनी नहा रहा है। छठव्रतियों के स्वागत के लिए इस स्थल को आकर्षक बनाया गया है। पहली बार छठव्रती गयाजी रबर डैम में अर्घ्य देंगे। यहां पर भी प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की विशेष व्यवस्था की है।

सूर्योपासना का चार दिनों चलने वाले महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हुआ। शनिवार को शाम में खरना का अनुष्ठान हुआ। सूर्यदेव एवं छठी मइया को चावल, गुड एवं दूध की खरी, रोटी, फल आदि भोग लगाया गया। यही भोज प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया। पूजा के बाद व्रती अपने हाथों से प्रसाद वितरित कर रहे थे। स्वजनों के अलावा आसपास के लोगों भी व्रती का पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे थे। साथ ही लोग प्रसाद ग्रहण कर रहे थे। 

गुड़ दूध के खीर के अलावा अरवा चावल का भात और चने का दाम छठ व्रतियों ने भोग भगवान भास्कर लगाए। छठ पर्व में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। आम की लकड़ी से मिट्टी के बने चूल्हे पर प्रसाद बना रहे थे। वहीं छठ गीत से शहर गूंज रहा है। केलवा के पात पर उगलन सूरजदेव..................। रुनुकी झुनुकी बेटी मांगीला पढ़ल पंडित दामाद हे छठी मईया.....। जोड़े जोड़े सुपवा तोरा चढ़इबो न............आदि छठ गीत से शहर गूंज रहा है।वहीं रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य और 31 अक्टूबर यानी सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं सुबह मेयर वीरेंद्र कुमार ने सूर्यकुंड में स्नान कर भगवान भास्कर का आराधना की। उनके साथ पत्नी भी रही।

आज सूर्य-अस्त व कल उदय का समय:

रविवार - सूर्य अस्त - 05:11 बजेसोमवार - सूर्य उदय - 05: 56 बजे

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।