Gaya news: गयाजी रबर डैम का पानी को साफ रखने के लिए जाल लगाकर छाना जा रहा पिंड, नदी का पानी होगा प्रदूषण मुक्त
गया जी रबर डैम में सबसे अधिक पानी देवघाट के पास है। जहां काफी संख्या में पिंडदान होता है। पिंड को फल्गु के जल में प्रवाहित करते हैं। अब नदी के पानी को साफ रखने के लिए पिंड को जाल लगाकर छाना जा रहा है। जिससे पानी प्रदूषित नहीं हो।
जाल लगा छाना जा रहा पिंड
नदी के पानी को साफ रखने के लिए नगर निगम द्वारा पिंड को जाल लगाकर छाना जा रहा है। जिससे पानी प्रदूषित नहीं हो। नगर निगम देवघाट पर पिंड छानने का काम कर रहा है। निगम के मुख्य सफाई निरीक्षण सतेंद्र नारायण प्रसाद ने कहा कि एक सप्ताह से नदी से पिंड छानने का काम किया जा रहा है। पिंड के साथ पूजन सामग्री को भी छाना जा रहा है। जिससे पानी प्रदूषित नहीं हो।
दो पाली में हो रही सफाई
दो पाली में नदी की पानी को साफ किया जा रहा है। प्रत्येक पाली में दस-दस सफाईकर्मियों को लगाया गया है। पांच सफाईकर्मी नदी से पिंड छान रहा है। और पांच पिंड को डस्टबिन में रखते है। प्रत्येक दिन दो सौ किलो पिंड नदी से छाना जा रहा है। छाने हुए पिंड को इक्ठा कर के जैविक खाद बनाया जा रहा है। जैविक खाद बनाने काम नैली स्थित डंपिंग ग्राउंड में किया जा रहा है।
नदी का पानी होगा प्रदूषण मुक्त
गयाजी डैम का निर्माण होने से नदी में 2500 घन मीटर पानी है। पानी प्रदूषित होने से बचाने के लिए नगर निगम पिंड छानने का काम कदम उठाया है। जिससे प्रत्येक दिन 20 सफाईकर्मियों को देवघाट पर लगाया गया है। पिंड छानने से नदी का पानी प्रदूषित नहीं होगा। क्योंकि फल्गु का पानी दूसरे नदियों के अपेक्षा अधिक साफ रहता है।
एक सप्ताह से छाना जा रहा पिंड
उप नगर आयुक्त सह सफाई पदाधिकारी प्रफुल्ल चंद यादव बताते हैं कि एक सप्ताह से नदी से पिंड छानने का काम किया जा रहा है। 20 सफाईकर्मी को लगाकर देवघाट पर पिंड छाना जा रहा है। जरूरत पड़ने पर सफाईकर्मियों को और बढ़ाया जाएगा। जिससे गयाजी डैम का पानी प्रदूषित नहीं हो। अमावस्या तिथि को सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उक्त तिथि को अधिक संख्या में पिंडदानी कर्मकांड करते है।