Gaya News: ओटीए गया से भारतीय सेना व असम राइफल्स को मिले 118 जांबाज अधिकारी, देश की सेवा में रहेंगे तत्पर
Gaya News ओटीए गया में रजत जयंती पासिंग आउट परेड शनिवार को आयोजित हुआ। जिसमें शामिल 118 अधिकारी कैडेटों ने अंतिम पग से गुजरते हुए भारतीय सेना और असम राइफल्स के कमीशन अधिकारी बने। इसमें 103 भारतीय सेना व 15 असम राइफल्स के अधिकारी शामिल हैं। सैन्य बैंड की धुन पर तीखी धूप के बीच अधिकारी कैडेटस सैन्य वर्दी में कदम ताल मिलाकर अदभूत परेड की प्रस्तुति दिया।
जागरण सेवाददाता, बोधगया। Gaya News: ओटीए गया में रजत जयंती पासिंग आउट परेड शनिवार को आयोजित हुआ। जिसमें शामिल 118 अधिकारी कैडेटों ने अंतिम पग से गुजरते हुए भारतीय सेना और असम राइफल्स के कमीशन अधिकारी बने। इसमें 103 भारतीय सेना व 15 असम राइफल्स के अधिकारी शामिल हैं। सैन्य बैंड की धुन पर तपती धरती और तीखी धूप के बीच अधिकारी कैडेटस सैन्य वर्दी में कदम ताल मिलाकर अदभूत परेड की प्रस्तुति दिया।
जिसके साक्षी उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, कमांडेंट ले.ज. परमजीत सिंह मिन्हास सहित अन्य अधिकारी व अधिकारी कैडेटस के स्वजन बने। अकादमी अंडर आफिसर पंकज शर्मा रजत जयंती पासिंग आउट परेड के परेड कमांडर थे। परेड का निरीक्षण उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, कमांडेंट ले.ज. परमजीत सिंह मिन्हास ने किया।ले.ज. द्विवेदी ने अपने संबोधन में युवा सैन्य अधिकारियों से सेना के मूल्यों, परंपराओं और लोकाचार को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने शांति के साथ-साथ युद्ध में भी हमारी मातृभूमि के बहादुर सैनिकों का नेतृत्व करते समय पेशेवर क्षमता द्वारा प्रशंसित करुणा के महत्व पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि यह केवल आप ही नहीं वरन हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। आपके इस परिश्रम से आपने स्वजनों का मान-सम्मान भी बढ़ा है। आप सभी के कुशल, स्पष्ट और समकालिक ड्रिल युद्धाभ्यास ने सभी दर्शकों के बीच गर्व की भावना जगा दी।
सशस्त्र बलों की परंपराओं का पालन करते हुए पवित्र युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। समीक्षा अधिकारी ले.ज. द्विवेदी, कमांडेंट ले.ज. मिन्हास, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों ने युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किए। पासिंग आउट परेड समापन के पश्चात पिपिंग समारोह में अधिकारी कैडेटस के स्वजनों ने उनके कंधों पर सितारे लगाए।पिपिंग समारोह वास्तव में अधिकारी कैडेटों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों के लिए एक संतुष्टिदायक और भावुक क्षण था। यहां पर किसी कैडेट के स्वजन के आंख से आंसू छलक आए। तो किसी ने अपने पुराने दिनों को याद कर आर्शीवाद देते दिखे।
सभी इस यादगार लम्हा को अपने-अपने मोबाइल फोन में कैद कर रहे थे। जिनके स्वजन नहीं आए थे, उन्हें सैन्य अधिकारी कंधो पर सितारे लगाए। अकादमी के एडजुटेंट लेफ्टिनेंट कर्नल रविंदर सिंह द्वारा हिंदू, इसाई, सिख, इस्लाम और बौद्ध धर्मगुरुओं की उपस्थिति में अपनी जान जोखिम में डालकर भी राष्ट्र की सेवा करने की पवित्र शपथ दिलायी।
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