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'त्रिशूल' के बाद रेलवे ने चलाया 'ब्रह्मास्त्र', 4 मालगाड़ियों को जोड़कर चली 232 डिब्बों वाली ट्रेन; VIDEO

भारतीय रेलवे ने मंगलवार को पहली बार डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर चार मालगाड़ियों को जोड़कर 232 डिब्बों वाली ट्रेन को पंडित दीन दयाल मंडल के गंजख्वाजा स्टेशन से डेहरी आनसोन होते हुए धनबाद तक चलाया। इस मालगाड़ी का नाम ब्रह्मास्त्र दिया गया है। ब्रह्मास्त्र के परिचालन के एक दिन पहले सोमवार को इसी कॉरिडोर में एक साथ तीन मालगाड़ियों का संयोजन कर त्रिशूल का परिचालन किया गया।

By Ritesh Chaurasia Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 01 Aug 2024 09:59 AM (IST)
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'त्रिशूल' के बाद रेलवे ने चलाया 'ब्रह्मास्त्र' (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, गया। Longest Trains In India ट्रेन के इंजन से लेकर पीछे गार्ड की बोगी तक जाने में पौने तीन किलोमीटर चलना पड़े तो यह सोचकर ही सिर चकराने लगेगा। रेलवे ने परिचालनिक दक्षता में वृद्धि को लेकर ऐसा कर दिखाया है। मंगलवार को रेलवे ने पहली बार डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर चार मालगाड़ियों को जोड़कर 232 डिब्बों वाली ट्रेन को पंडित दीन दयाल मंडल के गंजख्वाजा स्टेशन से डेहरी आनसोन होते हुए धनबाद तक चलाया।

इस मालगाड़ी का नाम 'ब्रह्मास्त्र' दिया गया है। ब्रह्मास्त्र के परिचालन के एक दिन पहले सोमवार को इसी कॉरिडोर में एक साथ तीन मालगाड़ियों का संयोजन कर 'त्रिशूल' का परिचालन किया गया। तीनों मालगाड़ियां 58-58 डिब्बों की थीं।

हाजीपुर रेलवे जोन के अधिकारी ने दी जानकारी

हाजीपुर रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि डीडीयू से सोननगर, जपला, गढ़वा होते हुए धनबाद के टोरी स्टेशन तक ट्रेन गई। 58 डिब्बों की एक मालगाड़ी 690 मीटर लंबी होती है। इस ट्रेन में 232 डिब्बों को जोड़कर ट्रायल किया गया।

चार बाक्सन रैक का संयोजन कर लगभग पौने तीन किलोमीटर लंबे 'ब्रह्मास्त्र' लांग हाल मालगाड़ी का परिचालन किया गया। ट्रेन डीडीयू के गंजख्वाजा से रात लगभग 21.17 बजे धनबाद मंडल के टोरी के लिए प्रस्थान हुई। लगभग 37.5 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति के साथ बीडी सेक्शन होते हुए लगभग 335 किलोमीटर की यात्रा के बाद 'ब्रह्मास्त्र' गढ़वा रोड के रास्ते धनबाद मंडल के टोरी स्टेशन पर 07.25 बजे पहुंची।

व्यस्ततम रेल मंडलों में से एक है डीडीयू

उन्होंने बताया कि ट्रेन जिन मार्गों से गुजरी, वहां रेल कर्मियों एवं आम लोगों के लिए यह कौतुहल बनी रही। माल लदान एवं परिचालन की दृष्टि से पूर्व मध्य रेल का पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल भारतीय रेल के व्यस्ततम रेल मंडलों में से एक है।

रेल परिचालन को गतिमान रखने के साथ धनबाद मंडल से कोयला आदि के त्वरित परिवहन के लिए परीक्षण कर लदान के लिए तैयार खाली मालगाड़ियां नियमित उपलब्ध कराने में पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल की अति महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने बताया कि 'ब्रह्मास्त्र' का सफल परिचालन से पूर्व मध्य रेल की परिचालनिक दक्षता को बढ़ाने और माल लदान एवं परिवहन में और तेजी लाने में मदद मिलेगी।

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