Bihar Politics: 'हम संतुष्ट नहीं...', मांझी ने नीतीश-भाजपा के सामने रख दी एक और शर्त; अब इस बड़े विभाग पर नजर
Bihar Politics बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार और भाजपा से एक और मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि वे केवल अनुसूचित जाति कल्याण मंत्रालय से संतुष्ट नहीं हैं। मांझी ने एक और बड़े विभाग की मांग कर दी है। बत दें कि मांझी ने हाल ही में दो विभागों की मांग की थी जिसे पूरी कर दिया गया था।
संवाद सूत्र, वजीरगंज (गया)। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की गरीब संकल्प सभा को संबोधित करते हुए रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री सह पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपनी पार्टी के लिए एक और मंत्री पद की मांग की।
बातों ही बातों में उन्होंने कह दिया कि वे केवल अनुसूचित जाति कल्याण मंत्रालय से संतुष्ट नहीं हैं। हमें तो पुल-पुलिया, सड़क, नदी, तालाब सहित ग्रामीण क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी भी मिलनी चाहिए। वे वजीरगंज महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे।
मांझी ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि देश के सर्वांगीण विकास के लिए उनके सपनों के अनुकूल समान शिक्षा नीति लागू होनी चाहिए। गरीब जब तक बराबरी की शिक्षा प्राप्त नहीं करेगा, तब तक उसमें किसी प्रकार की चेतना नहीं जगेगी।
उन्होंने बसपा के संस्थापक काशीराम को भी याद किया और कहा कि राष्ट्रपति का बेटा हो या किसी गरीब की संतान, सब की शिक्षा हो एक समान। इसके साथ ही मांझी ने पर्वत पुरुष दशरथ मांझी एवं बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न की उपाधि देने की भी मांग की।
हमारी लड़ाई लंबी है और रास्ते कांटों से भरे हैं- संतोष मांझी
वहीं, बाराचट्टी से विधायक एवं पार्टी की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष ज्योति देवी ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने साथ नौ अन्य मंत्रियों को शपथ दिलवायी। मंत्रिमंडल में एक भी महिला को शामिल नहीं किया गया। हमारी पार्टी को कल्याण विभाग तो हमारे ही समाज के नेता रत्नेश सादा से छीन कर दिया गया है।जीतन राम मांझी ने उनकी बातों का समर्थन किया। वहीं, मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि हमें एक बार फिर से सत्ता में आने का मौका मिला है। हमारी लड़ाई लंबी है और रास्ते कांटों से भरे हैं। हमें प्रधानमंत्री के संरक्षण में न्यायप्रिय सरकार बनानी है।
उन्होंने कहा कि हमें तो अब भगवान श्री राम का साथ भी मिल गया है। अब लोकसभा में गया सहित पूरे बिहार की सभी 40 सीटों पर एनडीए समर्थित उम्मीदवारों को विजयी बनाना है। हमारा अधिकार हड़पने वाले महागठबंधन के विरुद्ध लड़ाई जारी रखनी है।यह भी पढ़ें-Tejashwi Yadav: चुनाव में तेजस्वी के सामने क्या है बड़ी चुनौती? इतिहास दोहराने की फिराक में जुटी RJD; इस रणनीति पर करेगी काम
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