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मनाही के बाद भी सकरी नदी में चली जुगाड़ नाव, पलटने से आधा दर्जन लोग बहे, तीन बाइक भी डूबी

पिछले साल प्रशासन ने जुगाड़ नाव चलाने पर रोक लगा दी थी। मगर लंबी दूरी और अधिक वक्त लगने के चलते लोग जान जोखिम में डालकर जुगाड़ नाव से नदी पार करते हैं। सकरी नदी के कुंज-गोसाई बिगहा घाट में जुगाड़ नाव पलटने से आधा दर्जन लोग बह गए।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Wed, 06 Oct 2021 02:01 PM (IST)
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सकरी नदी में जुगाड़ नाव पलटने के बाद यात्रियों को बचाते नदी में कूदे स्‍थानीय लाेग, जागरण फोटो।

रोह (नवादा), संवाद सूत्र। सकरी नदी के कुंज-गोसाई बिगहा घाट में मंगलवार को जुगाड़ नाव पलट गई। जिसमें आधा दर्जन यात्रियों के साथ साथ तीन बाईक भी डूब गया। जिसमें दो शिक्षिका भी शामिल थी। बता दें कि पिछले साल ही प्रशासन के आदेश पर जुगाड़ नाव का परिचलन बंद कर दिया गया था। तथा वहां दो चौकीदार की भी प्रतिनियुक्ति की गई थी। घटना के दिन चौकीदार भी वहां उपस्थित नहीं था।

जानकारी के अनुसार सुबह दस बजे के करीब तीन बाईक और पांच यात्रियों के साथ जुगाड़ नाव गोसाई बिगहा घाट से कुंज घाट के लिए खुली। तभी बीच नदी में निर्माणाधीन पुल के पाया नम्बर चार से टकरा गई। जिससे नाव अनियंत्रित हो पलट गई। जिसमें उस पर सवार सभी लोग नदी के तेज धारा में बह गए। स्थानीय लोगों के प्रयास से मध्य विद्यालय ओहारी की शिक्षिका कल्पना कुमारी, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय दिरमोबारा के प्रधान शिक्षिका मालती भूषण सहित सभी लोगों को बचाया गया। परन्तु दोनों शिक्षिका का मोबाईल और पर्स नदी के तेज धारा में बह गया। जबकि समाचार लिखे जाने तक रोह थाना क्षेत्र के भट्टा निवासी सुभाष कुमार की पल्सर बाईक नदी को नदी से निकाला जा सका है। जबकि नवादा के सुनील चौधरी व उनके मित्र की बाईक अभी भी लापता है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल ही इस नदी में चलने वाला जुगाड़ नाव का परिचालन बंद कर दिया गया था। इस वर्ष किसके आदेश पर परिचालन शुरू हुआ यह बताने के लिए कोई भी तैयार नहीं है।  

जुगाड़ नाव की फाइल फोटो।

 ऐसे बनता है जुगाड़ नाव 

ट्यूब और चचरी के सहारे इस प्रकार की नाव तैयार की जाती है। तैराक इसे खींचते हैं। सकरी नदी में पानी आने पर लोग इस नाव का इस्तेमाल करते हैं। अबतक गोसाईं बिगहा-कुंज पथ पर पुल का निर्माण नहीं हो सका है। वैकल्पिक मार्ग के रूप में कादिरगंज के रास्ते सड़क मार्ग के जरिये सफर किया जा सकता है। लंबी दूरी और अधिक वक्त लगने के चलते लोग जान जोखिम में डालकर जुगाड़ नाव के सहारे नदी पार करते हैं।

नदी में पानी आने पर चलती है जुगाड़ नाव

-सकरी नदी में पानी आने के बाद स्थानीय लोग जुगाड़ नाव का परिचालन करते हैं। नदी में ठेहुना भर पानी रहने पर यात्रियों से प्रति व्यक्ति दस रुपये किराया वसूला जाता है और बाइक के लिए बीस रुपये लिए जाते हैं। इससे अधिक पानी होने पर किराया दोगुना हो जाता है। गत वर्ष भी इसी प्रकार नाव का परिचालन हो रहा था। मीडिया में खबरें प्रकाशित होने पर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए जुगाड़ नाव के परिचालन पर रोक लगा दिया था। तब चौकीदार की भी प्रतिनियुक्ति की गई थी। लेकिन इस बार प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया  लोगों का मानना है कि समय रहते स्थानीय चौकीदार प्रशासन को सूचना उपलब्ध करा देता तो ऐसी घटना नहीं होती। लोगों का यह भी कहना है कि इसे लेकर प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाया तो आने वाले दिनों में बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है और जानमाल की क्षति हो सकती है।

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