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कैमूर: शिक्षक की कमी से रामपुर इंटर स्कूल में धूल फांक रहे विद्यालय के कंप्यूटर, 15 सौ छात्र-छात्राएं शिक्षा से वंचित

कंप्यूटर की जानकारी सभी के लिए जरूरी है। लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में इसकी कुछ खास अहमियत नहीं है और न ही शिक्षा विभाग को इसकी कोई सुधि है। यही वजह है कि स्कूलों में उपलब्ध कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं। इसमें कई खराब हो चुके हैं।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Updated: Fri, 16 Sep 2022 04:36 PM (IST)
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कैमूर के इंटर स्कूल में धूल फ़ांक रहे कम्प्यूटर

 संवाद सूत्र, रामपुर: आधुनिकता के इस दौर में कंप्यूटर की जानकारी सभी के लिए जरूरी है। लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में इसकी कुछ खास अहमियत नहीं है और न ही शिक्षा विभाग को इसकी कोई सुधि है। यही वजह है कि स्कूलों में उपलब्ध कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं। इसमें कई खराब हो चुके हैं। स्थानीय प्रखंड के श्री नेहरू उच्च इंटर स्तरीय विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षा के लिए छात्र-छात्राएं तरस रहे हैं। जबकि यहां कंप्यूटर उपलब्ध है। शुक्रवार को दैनिक जागरण ने पड़ताल की। 

लैब के ताले में था जंग, दो पंखे कई दिनों से चालू, हर जगह धूल

इसकी पड़ताल की गई तो कंप्यूटर लैब बंद मिला। लगभग एक घंटा बाद इस लैब का ताला खोला गया क्योंकि सभी तालों में जंग लग गया था। जिससे ताला खोलने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद अंदर प्रवेश करने के बाद दो पंखा चालू था। अब वह पंखा उस बंद कमरे में कितने दिनों से चल रहा था यह किसी को पता नहीं है। माउस से लेकर मानिटर तक कुर्सी व टेबल पर धूल पड़ी थी। इसे देखने से यही प्रतीत होता है कि कंप्यूटर शिक्षा की स्थिति इस तरह बदहाल हो गई कि शिक्षक के अभाव में कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं। 

भविष्य संवारने की व्यवस्था पिछले 13 वर्षों से बंद

कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर बच्चों का भविष्य संवारने का दावा करने वाली व्यवस्था पिछले 13 वर्षों से बंद है। विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इसके चलते अधिकांश स्कूलों के कंप्यूटर लैब में ताला लटका है। कहीं लैब में पड़े कंप्यूटर और अन्य महंगे उपकरण धूल फांक रहे हैं। इस विद्यालय में दस कंप्यूटर दिए गए थे। इसको चलाने के लिए बेल्ट्रान से एकरार किया गया। एकरार के अनुसार बेल्ट्रान द्वारा कंप्यूटर पढ़ाई को लेकर कर्मी की प्रतिनियुक्ति की गई। लेकिन तीन वर्ष का अनुबंध समाप्त होने के बाद यह कंप्यूटर विद्यालयों के लिए सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गया। तब से न आज तक कंप्यूटर शिक्षकों की बहाली हो पाई है और ना ही बच्चों की पढ़ाई ही। 

15 सौ छात्र छात्राओं को कम्प्यूटर नसीब नहीं

कंप्यूटर की पढ़ाई की दिशा में कई ऐसी बाधाएं हैं जो बच्चों को हाइटेक शिक्षा से दूर ले जा रही है। समय से बिजली नहीं रहना भी कंप्यूटर शिक्षा में बाधा है। बावजूद विभाग और जिम्मेदार अधिकारी इस कमी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ऐसे में कंप्यूटर जैसे विषय में भविष्य बनाने का सपना देख रहे बच्चों की सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। इस विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक रामकवल सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा कंप्यूटर तो दे दिया गया, लेकिन आज तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। जिसके कारण कंप्यूटर कमरा में रखा हुआ है। जब शिक्षक अथवा कोई जानकार आएंगे तो ही पता चल पाएगा कि इनमें से कितने कंप्यूटर खराब हैं या फिर सही अवस्था में है। बता दें कि इस विद्यालय में 15 सौ छात्र व छात्रा नामांकित है। जिनको आज तक कंप्यूटर चलाने को नसीब नही हो पाया है।