KK Pathak : केके पाठक के नए फरमान से सहमे पदाधिकारी, 3 दिन के भीतर करना है ये काम; काट रहे गांव-गांव के चक्कर
KK Pathak केके पाठक की नई कार्रवाई से बिहार में शिक्षा विभाग के अधिकारी सहम गए हैं। वह गांव-गांव में घूमने को मजबूर हो गए। एक तरह से उन्हें अब नया टास्क मिल गया है। बता दें कि आदेश की अनदेखी को लेकर अधिकारी के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। मामला रेंट के मकान से जुड़ा है।
संवाद सूत्र, आमस। Bihar Education News गया जिले के प्रखंड में शिक्षा विभाग के पदस्थापित पदाधिकारी और कर्मी समय से विद्यालयों का निरीक्षण करें, इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक (KK Pathak) काफी गंभीर हैं।
उन्होंने एक पत्र जारी कर कहा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि प्रखंड में पदस्थापित पदाधिकारी विभाग द्वारा जारी किए गए रोस्टर के मुताबिक, विद्यालयों का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। जो शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर मामला है।
कई किलोमीटर दूर शहरों में रहते हैं अधिकारी
पदाधिकारी और कर्मियों के द्वारा रोस्टर के मुताबिक, विद्यालयों का निरीक्षण नहीं किए जाने के पीछे एक बड़ी वजह यह बताई गई है कि ज्यादातर पदाधिकारी और कर्मी पदस्थापित प्रखंड से कई किलोमीटर दूर शहरों में रहते हैं और वहीं से यहां आकर अपनी नौकरी कर रहे हैं।
ऐसे में रोस्टर के अनुसार विद्यालयों का निरीक्षण नहीं हो रहा है। अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद गया के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक पत्र जारी कर जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और विद्यालय अवर निरीक्षक के नाम एक पत्र जारी किया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रमाण पत्र मांगा
जारी पत्र में स्पष्ट आदेश दिया गया है कि प्रखंड में पदस्थापित सभी पदाधिकारी और कर्मी अपने प्रखंड क्षेत्र में ही किराए के मकान में रहें ताकि रोस्टर के मुताबिक विद्यालयों का निरीक्षण हो सके। सभी पदाधिकारी और कर्मियों से तीन दिन के भीतर इस आदेश का पालन करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रमाण पत्र मांगा है।
प्रमाण पत्र के रूप में पदाधिकारी या कर्मी प्रखंड क्षेत्र में जिसके घर में किराए में रह रहे हैं, उस मकान के मालिक का बजाप्ता मजिस्ट्रेट के समक्ष शपथ पत्र देना होगा कि ये पदाधिकारी या कर्मी आमस बीआरसी में कार्यरत हैं। जो हमारे मकान में किराएदार के रूप में रह रहे हैं।
आदेश का सभी पदाधिकारी और कर्मी को पालन करना होगा
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर तीन दिनों के भीतर जिन पदाधिकारी का प्रमाण पत्र विभाग को प्राप्त नहीं होगा, वैसे पदाधिकारी या कर्मी का अप्रैल महीने का वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा क्योंकि उच्च अधिकारी का ही आदेश प्राप्त है।
प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के बाद ही वैसे पदाधिकारी या कर्मी को अप्रैल माह का वेतन भुगतान किया जाएगा। इस बारे में शिक्षा विभाग के आमस प्रखंड प्रोजेक्ट मैनेजर ओमप्रकाश ने बताया कि विभागीय आदेश का सभी पदाधिकारी और कर्मी को पालन करना होगा।
उन्होंने कहा कि विभाग का आदेश प्राप्त होते ही प्रखंड में पदस्थापित पदाधिकारी और कर्मीयों ने अपने प्रखंड क्षेत्र में किराए का मकान ले लिया है।
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