KK Pathak ने लिया बड़ा एक्शन; 19 शिक्षकों के वेतन पर लगाई रोक, 2 हेडमास्टर भी किए गए सस्पेंड; जानिए वजह
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने सख्त रवैये के लिए काफी चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने एक और बड़ा एक्शन लिया है। केके पाठक के निर्देश पर गया जिले में 19 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। इसी के साथ दो हेडमास्टर भी सस्पेंड कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई केके पाठक के औचक निरीक्षण के बाद की गई है।
By Anwar hussain soniEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 08 Nov 2023 04:21 PM (IST)
संवाद सूत्र, आमस (गया)। KK Pathak Action On Teachers शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने आमस प्रखंड के उच्च विद्यालय आमस और शिव बालक बालिका प्रोजेक्ट विद्यालय में 3 नवम्बर को निरीक्षण के दौरान लापरवाही पाई था। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन दोनों विद्यालयों के सभी शिक्षकों और उच्च विद्यालय आमस के प्रधानाध्यापक को निलंबन करने को लेकर आदेश दिया था।
अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दोनों विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को पत्र जारी किया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी किए गए पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निरीक्षण के दौरान शिव बालक बालिका प्रोजेक्ट विद्यालय में छात्राओं की उपस्थिति काफी कम थी। विद्यालय का शौचालय गंदा था।
विद्यालय संचालन में बरती गई लापरवाही
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका बिना किसी वरीय पदाधिकारी का आदेश लिए छुट्टी पर चली गई थी। विभाग का आदेश है की जो छात्र लंबी अवधि से अनुपस्थित है उनका नाम काट दिया जाए, लेकिन इस विद्यालय में ऐसा देखने को नहीं मिला। जिससे स्पष्ट है कि विद्यालय संचालन में लापरवाही बरती जा रही है।जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट लिखा है कि छात्रों की 75% उपस्थित के साथ ही जब तक विद्यालय का सही ढंग से संचालन नहीं होगा तब तक सभी पांच शिक्षक और विद्यालय के प्रधानाध्यापिका के वेतन पर रोक लगाया जाता है।
आमस के प्रधानाध्यापक को लिखा गया ये पत्र
वहीं, उच्च विद्यालय आमस के प्रधानाध्यापक के नाम जारी किए गए पत्र में लिखा गया है कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निरीक्षण के दौरान विद्यालय में कक्षा 9 और कक्षा 10 में एक छात्र भी उपस्थित नहीं पाए गए। जबकि विद्यालय में सभी शिक्षक उपस्थित थे।अपर मुख्य सचिव ने जब कक्षा 9 और कक्षा 10 के छात्रों के विद्यालय में उपस्थित नहीं रहने के बारे में प्रधानाध्यापक से पूछा तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में कक्षा 11 और कक्षा 12 की परीक्षा चल रही है जिस कारण कक्षा नौवीं और दसवीं के सभी छात्रों को जगह के अभाव के कारण सस्पेंड कर दिया गया है। जिस पर अपर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि विद्यालय में काफी कमरे हैं जिसके बाद भी छात्रों को सस्पेंड करना बिल्कुल गलत है।
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