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यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे मगध विवि के वीसी, रक्षा सलाहकार बनने की थी चर्चा

मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद (Prof Rajendra Prasad) विशेष निगरानी इकाई (SVU) की कार्रवाई के बाद चर्चा में हैं। लाखों नकदी समेत अन्‍य अकूत संपत्तियों का पता चलने के बाद हर तरफ उनकी ही बातें हो रही हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Updated: Fri, 19 Nov 2021 08:12 AM (IST)
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मगध विवि के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, गया। मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद (Prof Rajendra Prasad) विशेष निगरानी इकाई (SVU) की कार्रवाई के बाद चर्चा में हैं। लाखों नकदी समेत अन्‍य अकूत संपत्तियों का पता चलने के बाद हर तरफ उनकी ही बातें हो रही हैं। राजनीतिक पकड़ रखने वाले प्रो. राजेंद्र प्रसाद फिलहाल निगरानी के शिकंजे में कसे हुए हैं। यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Ex UP CM Mulayam Singh Yadav) के वे काफी करीबी रहे हैं। इसी वजह से यूपी में दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विवि के कुलपति के साथ कई अन्‍य महत्‍वपूर्ण पदों पर वे कार्यरत रहे। 

प्रयागराज राज्‍य विवि के बने संस्‍थापक वीसी 

जानकारी के अनुसार 20216 में उन्‍हें प्रयागराज राज्‍य विश्‍वविद्यालय का संस्‍थापक कुलपति बनाया गया। वहां किताब खरीद मामले में उनपर उंगली उठी। इससे पूर्व इसी विवि के विशेष कार्यअधिकारी (OSD) रहे। उस समय यूपी के सीएम अखिलेश यादव (Ex CM Akhilesh Yadav) थे। वे 25 जून 2019 तक प्रयागराज राज्‍य विवि के कुलपति पद पर आसीन रहे। इससे पूर्व गोरखपुर विवि में रक्षा अध्‍ययन विभाग में 1990 से 2008 विभागाध्‍यक्ष रहे। इसके अलावा भी कई पदों पर वे कार्यरत थे।  गोरखपुर विवि में रक्षा अध्‍ययन विभाग का हेड रहते उन्‍होंने नेशनल कांग्रेस फार डिफेंस स्‍टडीज का आयोजन कराया था। तब तत्‍कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव इसका उद्घाटन करने पहुंचे थे। चर्चा तो यह भी थी उन्‍हें रक्षा सलाहकार बनाया जा सकता है। बता दें कि  गोरखपुर विवि के पूर्व कुलपति प्रो अरुण कुमार की कार पर हमला मामले में राजेंद्र प्रसाद भी आरोपित हुए थे। हालांकि अनुशासनिक समिति ने बाद में उन्‍हें बरी कर दिया था। 

मालूम हो कि बुधवार सुबह स्‍पेशल विजिलेंस की टीम ने 30 करोड़ रुपये की बंदरबांट के मामले में बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक छापेमारी की। इनमें घर से करीब 95 लाख रुपये नकदी, लाखों के जेवरात और पांच लाख की विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई थी।  मगध विवि के साथ ही वीर कुमार सिंह विवि का कुलपति रहते, इनपर कई गड़बड़‍ियों का आरोप लगा। आरोप है कि तीन वर्षों में 30 करोड़ रुपये की बंदरबांट की।

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