Moong Ki Kheti Kaise Karen: मूंग की खेती कर करें लाखों की कमाई, कम खर्च में जबरदस्त मुनाफा; सरकार भी दे रही अनुदान
Moong Ki Kheti in Hindi मूंग की खेती कर किसान कम खर्च में लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं। प्रर्याप्त पानी और देखरेख जरूरी है। किसानों को मूंग की खेती को लेकर कृषि विभाग ने जोर दे रखा है। इससे दलहन के साथ खेतों को उर्वरक क्षमता को अधिक बढ़ता है। मूंग की खेती को लेकर किसानों को कृषि विभाग द्वारा बीज दिया जा रहा है।
संवाद सूत्र, डुमरिया (गया)। Moong Ki Kheti Kaise Karen: मूंग की खेती के लिए प्रर्याप्त पानी और देखरेख जरूरी है। किसानों को मूंग की खेती को लेकर कृषि विभाग ने जोर दे रखा है। इससे दलहन के साथ खेतों को उर्वरक क्षमता को अधिक बढ़ता है। मूंग की खेती से किसानों को अच्छी आय हो सकती है। मूंग की खेती को लेकर किसानों को कृषि विभाग द्वारा बीज दिया जा रहा है।
किसान की कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही
किसानों को अनुदानित दर बीज उपलब्ध कराई जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को दैनिक जागरण द्वारा प्रखंड के बरवाडीह गांव में किसान चौपाल का आयोजन किया गया। जहां किसानों ने खुलकर अपने समस्याओं रखी। किसान उपेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने के लिए सरकार कई कल्याणकारी योजना चला रही है। लेकिन जानकारी के अभाव में किसानों को योजनाओं को लाभ काफी कम मिल रहा है। योजनाओं के बारे में किसानों को जानकारी मिलने की जरूरत है।
मूंग की खेती कम आय में अच्छी होती है
वहीं किसान चंद्रकांत प्रसाद वर्मा ने कहा कि मूंग की खेती कम आय में अच्छी होती है। लेकिन नीलगाय एक बड़ी समस्या है। फसल बढ़ते ही नीलगाय चट कर जाती है। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान होता है। नीलगाय को फसल तक नहीं पहुंचने के लिए सरकारी स्तर पर कोई कार्ययोजना बनाने की जरूरत है। किसान सुनील कुमार ने चौपाल में कहा कि किसान के प्रति सरकार काफी काफी गंभीर है।समय पर बीज का वितरण किया जा रहा
समय पर बीज का वितरण किया जा रहा है। साथ ही खेतों को लेकर कई तरह गुर भी विभाग से जोड़े अधिकारियों द्वारा दिया जाता है। धीरे-धीरे किसान अब आधुनिक खेती करने लगे है। रसायनिक उर्वरक के जगह किसान खेतों में जैविक खाद का प्रयोग करने लगे है। ऐसे में खेत बंजर होने से बचेगा।वहीं, प्रखंड कृषि पदाधिकारी बिदेंश्वर राम ने कहा कि डुमरिया के दर्जनों गांव में मूंग की खेती हो रही है। खेतों से अच्छे फसल कैसे प्राप्त हो इसके लिए समय- समय पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। खेतों के पटवन के लिए किसान डीजल पंपसेट अलावे बिजली से खेतों की सिचाई कर रहे है।
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