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Bihar Heat Wave : गया में चरम पर गर्मी, मगध मेडिकल के लू वार्ड में 20 दिनों में 107 मरीज भर्ती; सात की मौत

Gaya Heat Wave गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एसी युक्त लू वार्ड बनाया गया है। जहां 20 दिन में 107 मरीज भर्ती हुए। जिनका इलाज चिकित्सकों के द्वारा काफी बेहतर ढंग से किया गया। गंभीर रूप से बीमार रहे सात मरीज को चिकित्सक बचा नहीं सके। उनकी मौत इलाज के दौरान हो गई। फिलहाल तीन मरीज लू वार्ड में भर्ती हैं।

By Vishwanath prasad Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 17 Jun 2024 01:59 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, गया। दिन में सूर्य के तीखी किरणें और रात में उमस भरी गर्मी से जन जीवन अस्त व्यस्त है। ऐसी स्थिति एक-दो दिन नहीं बल्कि पचीस दिन से चली आ रही है। तीखी धूप व गर्म हवा की झोंके से काफी संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं।

हालांकि, उनके इलाज की व्यवस्था जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में की गई है लेकिन अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एसी युक्त लू वार्ड बनाया गया है। जहां 20 दिन में 107 मरीज भर्ती हुए। जिनका इलाज चिकित्सकों के द्वारा काफी बेहतर ढंग से किया गया।

फिलहाल तीन मरीज लू वार्ड में भर्ती

इसके कारण 97 मरीज ठीक होकर घर चले गए। गंभीर रूप से बीमार रहे सात मरीज को चिकित्सक बचा नहीं सके। उनकी मौत इलाज के दौरान हो गई। फिलहाल तीन मरीज लू वार्ड में भर्ती हैं।

भीषण गर्मी व लू की कहर जारी आकाश में काले-काले बादल देख लोग सोचते कि अब भीषण गर्मी और लू से थोड़ा राहत मिलेगा, लेकिन कुछ ही देर में आकाश में छाए बादल लुप्त हो जाता। लोग उमस भरी गर्मी और गर्म हवा से परेशान होने लगते।

सुबह आठ बजते ही कड़ाके की धूप

शहरी एवं ग्रामीण इलाका में बसे लोग बताते हैं कि सूर्य की किरणें में इतनी गर्मी है कि मकान के छत पर रखे टंकी में रहे पानी काफी गर्म हो जाते हैं। जिससे हाथ-पैर धोना भी संभव नहीं होता है। सुबह आठ बजते ही कड़ाके की धूप से लोग परेशान होने लगते। घर से निकलना संभव नहीं होता।

जरूरी कार्य से ही लोग घर से बाहर निकलते हैं। भीषण गर्मी और लू से सावधान रहने के जिला प्रशासन के द्वारा बार-बार कही जा रही है।

क्या कहते हैं डॉक्टर?

भीषण गर्मी का प्रकोप शुरू होते ही मगध मेडिकल में एसी युक्त लू वार्ड बनाया गया। जहां 27 मई से 16 जून तक 107 मरीज भर्ती हुए। जिसमें सात की मौत इलाज के दौरान हो गया। 97 मरीज चंगा होकर अपने-अपने घर चले गए। तीन मरीज अभी भर्ती हैं। जिनका इलाज चिकित्सकों के देख-रेख में की जा रही है। सभी की स्थिति में काफी सुधार है। वे बहुत जल्द ही चंगा होकर घर चले जाएगे।-डॉ  एनके पासवान, उपाधीक्षक

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